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नहीं पास हो सका मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, पक्ष-विपक्ष ने किया विरोध

मामला प्रवर समिति के पास, 15 दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश वरीय संवाददातारांची : झारखंड मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट-14 सदन से नहीं पारित हो सका. मंगलवार को दूसरे सत्र में इसे पेश करते ही सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने विरोध किया. विरोध के बाद बिल को प्रवर समिति के पास भेज दिया गया है. […]

मामला प्रवर समिति के पास, 15 दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश वरीय संवाददातारांची : झारखंड मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट-14 सदन से नहीं पारित हो सका. मंगलवार को दूसरे सत्र में इसे पेश करते ही सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने विरोध किया. विरोध के बाद बिल को प्रवर समिति के पास भेज दिया गया है. 15 दिनों के अंदर इस पर रिपोर्ट देने को कहा गया है. संसदीय कार्य मंत्री ने बिल सदन मंे पेश किया था. इसका विरोध करते हुए माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि डॉक्टरों के लिए विशिष्ट कानून की क्या जरूरत है. अगर चिकित्सकों के साथ मारपीट होती है, या संपत्ति को नुकसान होता है, तो आइपीसी में सजा देने का प्रावधान है. चिकित्सा और शिक्षा आज सेवा नहीं रह गया है. चिकित्सक मरीजों के साथ ग्राहकों के जैसा व्यवहार करते हैं. पैसा नहीं देने पर लाश तक रख लेने की कई घटना है. इस तरह के बिल के पारित होने से निजी अस्पतालों की मनमानी और बढ़ेगी. अलोकतांत्रिक है बिल : प्रदीप यादव झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यह बिल पूरी तरह अलोकतांत्रिक है. डॉक्टरों के साथ मारपीट होती है, तो सीआरपीसी और आइपीसी की धारा के तहत तो कार्रवाई हो ही सकती है. बिल को जिस तरह बनाया गया है, उससे मरीजों को नुकसान होगा. इसे प्रवर समिति को सौंपा जाना चाहिए. बंधु तिर्की ने कहा कि आज डोनेशन वाला डॉक्टर भी नर्सिंग होम चला रहा है. ऐसे लोगों से गलती होने पर भी विरोध नहीं होगा. उमाशंकर अकेला ने कहा कि मेरे सामने ही रिम्स के पीजी डॉक्टरों ने मरीजों की पिटाई की थी. इसकी जानकारी विभागीय मंत्री को भी दी गयी थी. यह कानून पूरी तरह अंधा है. कांग्रेस के राजेश रंजन ने कहा कि आज कई डॉक्टर ड्यूटी आवर में भी निजी क्लीनिक चला रहे हैं. प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए. हरेकृष्ण सिंह ने कहा कि रिम्स में मरीज के मरने के कारण पूछने पर मेरे क्षेत्र के लोगों को डॉक्टरों ने पीटा था. उन्होंने इसे आत्मघाती बिल बताया. सौरव नारायण सिंह ने कहा कि डॉक्टरों को संरक्षण देने की जानकारी सरकार की है. इसके बावजूद इतनी सुरक्षा नहीं दी जानी चाहिए कि हमारा ही नुकसान होने लगे. बिल का झामुमो के मथुरा महतो, मासस के अरूप सरकार, भाजपा के नीलकंठ मुंडा, राजद के संजय सिंह यादव ने भी प्रवर समिति को सौंपा. सदस्यों का सुनने के बाद मंत्री राजेंद्र सिंह ने बिल प्रवर समिति को देने की घोषणा की.

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