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रांची : अनिल शर्मा को बचाने के लिए जेल अधीक्षक ने बनायी थी भ्रामक रिपोर्ट
रांची : दुमका जेल अधीक्षक ने दुमका जेल में बंद गैंगस्टर अनिल शर्मा को बचाने के लिए भ्रामक रिपोर्ट तैयार की थी. इस बात का खुलासा सीआइडी मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट से हुआ है. मामले में दुमका जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय के जरिये गृह विभाग से की […]
रांची : दुमका जेल अधीक्षक ने दुमका जेल में बंद गैंगस्टर अनिल शर्मा को बचाने के लिए भ्रामक रिपोर्ट तैयार की थी. इस बात का खुलासा सीआइडी मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट से हुआ है.
मामले में दुमका जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय के जरिये गृह विभाग से की गयी है. सीआइडी मुख्यालय ने रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के पास भेज दी है. रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि दुमका जेल अधीक्षक ने अनिल शर्मा द्वारा रंगदारी मांगने की रिपोर्ट तैयार कर दुमका एसपी के पास भेजी थी.
उन्होंने लिखा था कि अनिल शर्मा जेल के टेलीफोन बूथ से सप्ताह में एक बार पुत्र और पत्नी से बात करता है, जिसकी रिकॉर्डिंग भी सुनी जाती है. पिछले तीन माह की रिकॉर्डिंग सुनी गयी है. लेकिन रंगदारी मांगने अथवा किसी को धमकी देने के संबंध में कोई बात अब तक संज्ञान में नहीं आयी है. हां यह संभव है कि किसी के द्वारा उसके नाम का गलत उपयोग किया गया हो. अनिल शर्मा ने डब्ल्यू शर्मा को जानने की बात से इनकार किया था.
रिपोर्ट में आगे उल्लेख है कि सीआइडी को अनिल शर्मा के जेल में रहते हुए रंगदारी मंगवाने, टेंडर मैनेज करने और अपराध की योजना बनाने के संबंध में जानकारी मिली,तो उसके द्वारा प्रयोग में लाये जा रहे मोबाइल नंबर की जांच की गयी.
जिसमें यह बात सामने आयी कि अनिल शर्मा ने डब्ल्यू शर्मा से मोबाइल पर बात की थी. एक ठेकेदार की हत्या कराने, उसके घर और ऑफिस की रेकी की जानकारी देने की बात सामने आयी. घटना को अंजाम देने के लिए पटना से शूटरों को बुलाकर ठेकेदार की पहचान कराने के संबंध में अनिल शर्मा ने फोन पर डब्ल्यू शर्मा को ब्रीफ किया था.
अनिल शर्मा ने अपने मोबाइल से पत्नी और बेटे से बात की थी. मोबाइल नंबर के लोकेशन की जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि अनिल शर्मा ने मोबाइल का प्रयोग दुमका जेल में रहते हुए किया था. एक अगस्त को दुमका नगर थाना प्रभारी ने अनिल शर्मा द्वारा जेल से रंगदारी मांगे जाने के संबंध में सनहा दर्ज किया था. जांच के बाद अनिल शर्मा के खिलाफ 29 सितंबर को दुमका नगर थाना में केस भी दर्ज किया गया. इसलिए उपरोक्त बातों से स्पष्ट है कि दुमका केंद्रीय जेल के अधीक्षक अनिल शर्मा का बचाव करने के ख्याल से रिपोर्ट तैयार की.
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