सिल्ली : सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है, यह उक्त तस्वीर से जाना जा सकता है. शनिवार को सिल्ली के जालु होटांग के एक प्राथमिक विद्यालय में साढ़े 10 बजे तक पढ़ाई शुरू नहीं हुई थी. बच्चे पानी ढोकर ला रहे थे, वहीं बच्चियां गोबर से स्कूल का आंगन लीप रही थीं.
इसके बाद काम खत्म कर मध्याह्न भोजन खाकर सभी घर चले गये. पता चला कि बच्चे रोज दिन कुछ दूरी से पीने व आंगन लीपने के लिए पानी ढोकर लाते हैं. इनका पढ़ाई से ज्यादा समय स्कूल की साफ-सफाई में बीतता है. जिस समय बच्चियां आंगन लीप रही थीं, उस वक्त प्रधानाध्यापक नहीं थे. पारा शिक्षिका सरिता देवी ने बताया कि स्कूल का चापाकल तीन माह से खराब है. इसलिए बच्चों को ही रोज पानी लाना पड़ता है.
जब इस बाबत प्रधानाध्यापक कृष्णा तिवारी से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि चुनाव कार्य को लेकर रांची में हैं. प्रभार पारा शिक्षिका को दिया गया था. स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है, इसलिए बच्चों को पीने का पानी पास के जलमीनार से लाना पड़ता है. वहीं बीआरपी के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि स्कूल के चापाकल की पाइप सड़ गयी है. इसकी जानकारी सिल्ली पीएचइडी, बीडीओ व जिला के अधिकारियों को दी गयी थी, लेकिन आज तक इसे नहीं बदला गया.
दो मतदान केंद्र भी हैं इस विद्यालय में
12 दिसंबर को विधानसभा चुनाव को लेकर उक्त विद्यालय में भी दो मतदान केंद्र बनाये गये हैं. नियमानुसार प्रत्येक मतदान केंद्र में पीने के पानी की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जानी है, लेकिन यहां का चापाकल महीनों से खराब है.