रांची : राज्य में पहली बार स्कूलों का सर्टिफिकेशन हो रहा है. पहले चरण में कांस्य विद्यालय प्रमाणीकरण (ब्राउंज सर्टिफाइड) किया जा रहा है.अब तक राज्य के 3200 स्कूलों ने पंजीयन कराया है.
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216 स्कूल ही ले सके ग्रेडिंग, बाकी हुए फेल
रांची : राज्य में पहली बार स्कूलों का सर्टिफिकेशन हो रहा है. पहले चरण में कांस्य विद्यालय प्रमाणीकरण (ब्राउंज सर्टिफाइड) किया जा रहा है.अब तक राज्य के 3200 स्कूलों ने पंजीयन कराया है. पंजीयन करानेवाले विद्यालयों का पहले बीआरपी-सीआरपी द्वारा निरीक्षण किया जाता है. बीआरपी-सीआरपी की अनुशंसा के बाद विद्यालय का थर्ड पार्टी मूल्यांकन होता […]
पंजीयन करानेवाले विद्यालयों का पहले बीआरपी-सीआरपी द्वारा निरीक्षण किया जाता है. बीआरपी-सीआरपी की अनुशंसा के बाद विद्यालय का थर्ड पार्टी मूल्यांकन होता है. राज्य के 900 विद्यालयों का अब तक थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जा चुका है. इनमें से 216 विद्यालयों को कांस्य विद्यालय प्रमाणीकरण का प्रमाण पत्र दिया गया है. सभी विद्यालयों को फरवरी 2020 तक इसके लिए पंजीयन कराने को कहा गया है.
विद्यालय इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. कांस्य विद्यालय प्रमाणीकरण का प्रमाण पत्र मिलने के बाद विद्यालय पहले रजत व फिर स्वर्ण विद्यालय प्रमाणीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे. विद्यालयों के प्रमाणीकरण में बच्चों के पठन-पाठन का स्तर सबसे महत्वपूर्ण होता है.
इसके लिए कक्षा एक-दो के बच्चों की मौखिक, तीन से पांच तक के बच्चों की लिखित व छह से नौ तक के बच्चों की ओएमआर शीट पर परीक्षा ली जाती है. बच्चों के लर्निंग लेवल को विद्यालयों के प्रमाणीकरण का मुख्य आधार बनाया जाता है. मार्च 2020 तक पांच हजार स्कूलों के प्रमाणीकरण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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