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सात विस क्षेत्रों के ही बुजुर्ग व दिव्यांग घर बैठे दे सकेंगे वोट

शकील अख्तर/विवेक चंद्र, रांची : राज्य में केवल सात विधानसभा क्षेत्रों के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर बैठे वोट दे सकेंगे. राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्रों में से बोकारो, धनबाद, देवघर, राजमहल, गोड्डा, जामताड़ा और पाकुड़ के ही बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को ही पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी. शेष 74 विधानसभा क्षेत्रों के बुजुर्गों […]

शकील अख्तर/विवेक चंद्र, रांची : राज्य में केवल सात विधानसभा क्षेत्रों के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर बैठे वोट दे सकेंगे. राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्रों में से बोकारो, धनबाद, देवघर, राजमहल, गोड्डा, जामताड़ा और पाकुड़ के ही बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को ही पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी. शेष 74 विधानसभा क्षेत्रों के बुजुर्गों और दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट की सुविधा नहीं दी जा सकेगी.

चुनाव आयोग ने राज्य के गृह सचिव और डीजीपी की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को पोस्टल बैलेट वोटिंग से मुक्त कर दिया है. आयोग के निर्देश के मुताबिक, केवल चौथे और पांचवें चरण के चुनाव के दौरान उक्त सात विधानसभा क्षेत्रों के बुजुर्गों और दिव्यांगों को ही पोस्टल बैलेट वोटिंग की सुविधा मिलेगी.
राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव के शुरुआती तीन चरणों में राज्य की 50 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा. यह सभी विधानसभा क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित हैं. चुनाव आयोग द्वारा जारी नये निर्देश के तहत पहले, दूसरे और तीसरे चरण में होनेवाले मतदान में इन क्षेत्रों के 80 साल से ज्यादा उम्र और दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा नहीं मिलेगी. चौथे चरण के दौरान 15 में से 12 और पांचवें चरण के दौरान 16 में 12 विधानसभा क्षेत्रों में भी बुजुर्गों और दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट की सुविधा नहीं मिलेगी.
कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल में संशोधन
चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से 80 वर्ष से अधिक उम्र और दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट वोटिंग की सुविधा देने के लिए नियम में संशोधन का सुझाव दिया था. इसके आलोक में केंद्र सरकार ने ‘कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल 1961’ में संशोधन किया. इस संशोधित नियम को ‘कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल(अमेंडेड) 2019’ के नाम से जाना जाता है. इस संशोधित नियमावली के नियम 27-ए में 80 साल से ज्यादा उम्र और दिव्यांगों को जोड़ा गया.
इस संशोधित नियम के आलोक में चुनाव आयोग ने पहली बार झारखंड में 80 साल के ज्यादा उम्र और दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट से वोटिंग की सुविधा देने का निर्देश दिया. इसके तहत कुल 5.30 लाख लोगों को यह सुविधा दी जानी थी. पोस्टल बैलेट वोटिंग की प्रक्रिया में डाक विभाग की भूमिका को देखते हुए उसके साथ एक करोड़ रुपये का करार किया गया.
साथ ही चुनाव के प्रथम चरण में पड़नेवाले 13 विधानसभा क्षेत्रों के 80 साल से ज्यादा उम्र और विकलांगों को पोस्टल बैलेट की सुविधा देने की प्रक्रिया शुरू की गयी. हालांकि वक्त की कमी और सुरक्षा कारणों से इसे कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था. उग्रवाद प्रभावित जिलों के उपायुक्तों ने गृह सचिव, मुख्य निर्वाचन कार्यालय को इसकी जानकारी दी. इसके बाद गृह सचिव और डीजीपी ने उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को पोस्टल बैलेट वोटिंग से मुक्त करने का अनुरोध किया, जिसे आयोग ने स्वीकार कर लिया.
  • चुनाव आयोग ने गृह सचिव और डीजीपी द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट को किया स्वीकार
  • 74 उग्रवाद प्रभावित विधानसभा में नहीं मिलेगी पोस्टल बैलेट वोटिंग की सुविधा

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