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रांची : कुड़मी को एसटी का दर्जा दे केंद्र

शीतकालीन सत्र में आवाज उठायें झारखंड के सांसद रांची : आदिवासी कुड़मी समाज के मुख्य संरक्षक अजीत प्रसाद महतो ने कहा है कि वर्ष 1931 तक राज्य के कुड़मी समाज को एसटी का दर्जा मिला हुआ था. वर्ष 1950 में जारी सूची से कुड़मियों को बाहर कर दिया गया. इससे कुड़मी समाज अपने हक और […]

शीतकालीन सत्र में आवाज उठायें झारखंड के सांसद
रांची : आदिवासी कुड़मी समाज के मुख्य संरक्षक अजीत प्रसाद महतो ने कहा है कि वर्ष 1931 तक राज्य के कुड़मी समाज को एसटी का दर्जा मिला हुआ था. वर्ष 1950 में जारी सूची से कुड़मियों को बाहर कर दिया गया. इससे कुड़मी समाज अपने हक और अधिकार से वंचित रह गया.
श्री महतो बुधवार को प्रेस क्लब में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 18 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में कुड़मी को एसटी में सूचीबद्ध कराने के लिए झारखंड के सांसद अपनी आवाज बुलंद करें. कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची के तहत शामिल किया जाये. कुड़मी हिंदू नहीं हैं, इसलिए सरना धर्म कोड लागू किया जाये.
धर्म के कॉलम में सरना दर्ज करवायें कुड़मी : श्री महतो ने कहा कि 2021 में होने वाली जनगणना में राज्य के कुड़मी अपनी मातृभाषा कुड़माली और धर्म के कॉलम में सरना दर्ज करवायें. साथ ही अपनी विशिष्ट संस्कृति 12 मासे 13 परब को ही मनायें. सभी कार्य कुड़माली नेगाचारि से ही संपन्न करें. इन कार्यों में किसी प्रकार से पंडितों की मदद न लें.
इस मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो, उपाध्यक्ष छोटेलाल महतो, सुनील महतो, जयराम महतो, सुजीत महतो, रूपलाल महतो, प्रसेनजित महतो, बैजनाथ महतो, निपेन महतो, दीपक पुनरिआर, रामधन महतो, योगेश्वर महतो, संतोष महतो, चंद्रदेव महतो, माथुर महतो, निरंजन महतो और कैलाश महतो आदि उपस्थित थे.

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