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रांची : सांप्रदायिक हिंसा फैलानेवालों की पहचान कर कार्रवाई करें : डीजीपी
रांची : इस माह के दूसरे सप्ताह तक अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. फैसले के बाद कहीं पर किसी तरह का सांप्रदायिक विवाद नहीं हो इसके लेकर पुलिस मुख्यालय ने एहतियात के तौर पर कुछ कदम उठाये हैं. डीजीपी केएन चौबे ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों […]
रांची : इस माह के दूसरे सप्ताह तक अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. फैसले के बाद कहीं पर किसी तरह का सांप्रदायिक विवाद नहीं हो इसके लेकर पुलिस मुख्यालय ने एहतियात के तौर पर कुछ कदम उठाये हैं. डीजीपी केएन चौबे ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र के थाना प्रभारियों को बतायें कि वे सांप्रदायिक हिंसा फैलानेवाले लोगों की पहचान करें.
साथ ही उनके खिलाफ धारा 107 के अलावा धारा 116 और 113 के तहत कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त कर कार्रवाई करें. मामले में जो भी निर्देश दिये गये हैं उसे कागजों तक ही सीमित नहीं रखें, बल्कि सभी एसपी अपने क्षेत्र के थानेदारों को खुद से विस्तृत जानकारी दें. इसके बाद वे खुद मॉनिटरिंग करें कि निर्देशों का पालन हुआ कि नहीं. वहीं, समाज के प्रतिष्ठित और अच्छे लोगों के साथ संवाद स्थापित कर भाईचारगी का माहौल बनायें. थाना स्तर पर भी शांति समिति की बैठक कर एहतियाती कदम उठाये जायें.
प्रशासन को दें सूचना : डीजीपी ने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी से लेकर अन्य जगहों पर तैनात कर्मियों को भी ऐसी सूचना मिलती है जिससे कि सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान हो सकता है, तो वे समय रहते इसकी सूचना जिला प्रशासन को तुरंत दें, ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके.
संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी और वीडियोग्राफी : 10 सालों में जहां कहीं भी सांप्रदायिक तनाव या हिंसा की बात सामने आयी है उन इलाकों के अलावा वैसे इलाके जो संवेदनशील हैं वहां पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही वीडियोग्राफी कराने को भी कहा गया है, ताकि उसका उपयोग सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ सबूत के तौर पर किया जा सके.
पुलिसकर्मी वर्दी में रहें तैनात : डीजीपी ने सभी एसपी को साफ तौर पर कहा है कि कार्यालयों और लाइन में तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया जाये कि वे वर्दी में रहें. ताकि जरूरत के मुताबिक उनका उपयोग विधि व्यवस्था को बहाल रखने में किया जाये. यह व्यवस्था मंगलवार तक पूरी कर पुलिस मुख्यालय को सूचित करने को कहा गया है.
यह भी निर्देश दिया गया है कि चार-पांच जिलों को मिलाकर एक टीम बनायी गयी है कि अगर पास के जिलों में कोई घटना हो जाती है, तो कैसे फोर्स और अन्य संसाधनों से उसकी मदद की जा सके. सभी एसपी को यह भी कहा गया है कि उन्हें कोई भी सूचना या घटना की जानकारी मिलती है, तो वे उसे छोटी मानने की भूल नहीं करें, बल्कि उसे महत्वपूर्ण मान कर उस पर कार्रवाई करें.
सोशल मीडिया के ग्रुप एडमिन के साथ भी करें बैठक : एसपी से कहा गया है कि वे सोशल मीडिया ग्रुप के एडमिन के साथ भी बैठक कर संवाद स्थापित करें. उन्हें यह बतायें कि फेक न्यूज और अफवाह की चीजों को वे नहीं फैलायें. शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों पर भी पुलिस सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखे.
तीनों जिलों में होगी रैफ की तैनाती : सांप्रदायिक हिंसा के मामले में संवेदनशील माने जानेवाले तीन जिले रांची, जमशेदपुर और हजारीबाग में रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की जायेगी. इसके अलावा जिलों में जैप, आइआरबी, महिला बटालियन और अन्य बलों की तैनाती करने का निर्देश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया है.
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