एजेंसियां, नयी दिल्लीदहेज उत्पीड़न मामले में अंतरिम जमानत याचिका दाखिल करने वाले एक व्यक्ति को दिल्ली उच्च उच्च न्यायालय ने जमानत पूर्व शर्त के तहत अलग रह रही पत्नी और नाबालिग बेटी को 50,000 रुपये की राशि देने का निर्देश दिया है. इस व्यक्ति ने अपने खिलाफ दर्ज दहेज उत्पीड़न मामले में उच्च न्यायालय में अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की थी.न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने व्यक्ति को गिरफ्तारी से बचने के लिए दो सप्ताह की मोहलत देते हुए तय समय के अंदर राशि के भुगतान का निर्देश दिया. शिकायतकर्ता महिला का उसके पति के साथ विवाद चल रहा है और बेरोजगार महिला को अपनी और अपने बच्चे की हर जरूरत के लिए माता पिता पर आश्रित रहना पड़ता है.इस तरह के मामलों में विशेष तौर पर मुकदमे के दौरान भी पति पत्नी के साथ रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ता ने पत्नी और बच्चे को वापस बुलाने की इच्छा जाहिर की. लेकिन अपनी आशंकाओं के कारण महिला अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती.अदालत ने कहा, प्राप्त तथ्यों और परिस्थितियों के मुताबिक व्यक्ति को महिला और बच्चे की दैनिक जरूरत की पूर्ति के लिए 15 दिनों के अंदर 50,000 रुपये की राशि देनी होगी, जिसके बाद ही उसे अंतरिम जमानत दी जायेगी. यदि व्यक्ति तय शतार्ें का पालन नहीं करता तो उसके खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जायेगी.
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‘जमानत चाहिए तो पत्नी, बच्चे को देना होगा 50 हजार रुपये’
एजेंसियां, नयी दिल्लीदहेज उत्पीड़न मामले में अंतरिम जमानत याचिका दाखिल करने वाले एक व्यक्ति को दिल्ली उच्च उच्च न्यायालय ने जमानत पूर्व शर्त के तहत अलग रह रही पत्नी और नाबालिग बेटी को 50,000 रुपये की राशि देने का निर्देश दिया है. इस व्यक्ति ने अपने खिलाफ दर्ज दहेज उत्पीड़न मामले में उच्च न्यायालय में […]
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