रांची : राज्य में पर्यटन विकास की योजनाएं टेंडर फाइनल होने के इंतजार में लटक रही है. 2017 से लेकर अब तक पर्यटन स्थलों के विकास की कई योजनाओं पर टेंडर फाइनल नहीं होने की वजह से काम शुरू नहीं किया जा सका है. पर्यटन योजनाओं का विकास नहीं होने के अलावा इससे सरकारी राजस्व की भी क्षति हो रही है.
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लटक रही पर्यटन विकास की योजनाएं, 2017 से फाइनल नहीं हो पा रहा टेंडर
रांची : राज्य में पर्यटन विकास की योजनाएं टेंडर फाइनल होने के इंतजार में लटक रही है. 2017 से लेकर अब तक पर्यटन स्थलों के विकास की कई योजनाओं पर टेंडर फाइनल नहीं होने की वजह से काम शुरू नहीं किया जा सका है. पर्यटन योजनाओं का विकास नहीं होने के अलावा इससे सरकारी राजस्व […]
पर्यटन स्थलों का विकास रूक जाने से स्थानीय स्तर पर रोजगार उत्पन्न होने की संभावना भी आगे नहीं बढ़ पा रही है. राज्य में पर्यटन विकास की ज्यादातर योजनाएं पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप पर क्रियान्वित की जानी है. टेंडर फाइनल नहीं होने के कारण पर्यटन स्थलों पर निजी निवेश भी नहीं आ रहा है.
वर्ष 2017 में धुर्वा डैम पार्क को रिजार्ट के रूप में विकसित करने के लिए टेंडर निकाला गया था. टेंडर में पांच कंपनियां टेक्निकल बिड में सफल हुईं. अजोर्स हॉस्पिटलिटी नाम की कंपनी ने सबसे ज्यादा 17.51 लाख रुपये प्रतिवर्ष की बोली लगायी थी.
लेकिन, टेंडर आज तक फाइनल नहीं किया जा सका. इसी तरह वर्ष 2017-18 में हुंडरू पर्यटन कॉम्पलेक्स के विकास व संचालन के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया. रांची के एफपीपीएल नाम की कंपनी ने पर्यटन कॉम्पलेक्स के संचालन के लिए एकरारनामा भी कर लिया. लेकिन, कतिपय कारणों से कंपनी संचालन नहीं कर सकी.
पर्यटन निगम द्वारा बाद में दो बार और टेंडर निकाला गया. लेकिन, अब तक किसी को भी कार्यादेश नहीं निर्गत किया गया है. 2016-17 से पर्यटन सूचना केंद्र जमशेदपुर के संचालन के लिए कई बार निविदा आमंत्रित की गयी. तीसरी बार निविदा निकालने के बाद वर्ष 2018 में बोकारो के मेसर्स टॉडीज को सफल घोषित किया गया. लेकिन, सिंगल टेंडर को कारण बताते हुए उसे भी कार्यादेश नहीं दिया गया.
टेंडर में गड़बड़ी की भी मिल रही है शिकायत
पर्यटन स्थलों के विकास के लिए निकाले गये कई टेंडरों में गड़बड़ी की भी शिकायत है. 2018-19 में मसानजोर डैम में बोटिंग एवं एडवेंचर गेम्स के लिए टेंडर निकला था. इसमें सिंगल टेंडर के बाद भी कार्यादेश जारी हो गया.
उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर में पर्यटन सूचना केंद्र के संचालन का काम सिंगल टेंडर के कारण ही संबंधित कंपनी को नहीं मिला था. इसी तरह वर्ष 2018-19 में ही मार्गीय सुविधा केंद्र मधुपुर एवं बहरागोड़ा के लिए टेंडर निकाला गया.
टेंडर में बहरागोड़ा के लिए 10 कमरों के होटल का संचालन तीन साल तक करने का अनुभव रखने वाले को प्राथमिकता देने की बात कही गयी थी. लेकिन, उसी टेंडर में मधुपुर में मार्गीय सुविधा केंद्र के संचालन के लिए होटल की तीन वर्षों तक संचालन के अनुभव की बाध्यता खत्म कर दी गयी.
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