फोटो: फोल्डरप्रशासन यदि सतर्क रहे, तो राजधानी में हो रहे छेड़खानी की घटना को रोका जा सकता है. यह मानना है कॉलेज जाने वाली छात्राओं का, जो आये दिन ऑटो व बस या रास्ते में छेड़खानी की शिकार होती हैं. इस विषय पर रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक में छात्राएं आपस में चर्चा करती नजर आयीं. रांची में हो रही छेड़खानी की घटना से सभी चिंतित हैं. उनका मानना है कि अगर प्रशासन सतर्क रहे, तो छेड़खानी की घटना को रोका जा सकता. इसके लिए प्रशासन के साथ छात्राओं और महिलाओं को भी आगे आना होगा. तभी बदमाश युवकों को सबक सिखाया जा सकता है. प्रशासन हमेशा मूक दर्शक बन कर खड़ा रहता है. साइंस ब्लॉक के पास पुलिस रहती है, लेकिन आर्ट्स ब्लॉक के पास आज भी लड़कों की भीड़ जमी रहती है. इसके बावजूद प्रशासन चुप रहता है. लड़कियों की सुरक्षा सरकार और प्रशासन के लिए मुख्य मुद्दा होना चाहिए. कोमललड़कियों की सुरक्षा सरकार के लिए अहम मुद्दा है. सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. आये दिन लड़कियों के साथ छेड़खानी जैसी घटना घटती है. इसके बाद प्रशासन चुप रहता है. इस कारण मनचलों का मन बढ़ जाता है. प्रशासन को सतर्क रहना होगा, तभी मनचलों पर लगाम लगेगा. अंजलि प्रशासन की ओर से जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर मुसीबत पड़ने पर कभी साथ नहीं देता है. 100 हो या महिला हेल्प लाइन का नंबर या फिर महिला थाना का नंबर कोई काम नहीं करता है. प्रशासन को लड़कियों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए ताकि वह सुरक्षित हों सके. दीप शिखा पुलिस अपना दायित्व नहीं निभाती है. खास कर लड़कियों की सुरक्षा के मामले पर वह मौन रहती है. तभी तो मनचलों का मनोबल बढ़ जाता है और वो बीच सड़क पर भी छेड़खानी करने से बाज नहीं आते हैं. कॉलेज के सामने से अड्डा बाजी को बंद करना चाहिए. सोनी हर चौक चौराहों पर पुलिस को अपनी सतर्कता से काम करना चाहिए. महिला पुलिस को भी हमेशा सतर्क रहना होगा तभी छेड़खानी जैसी घटना को रोका जा सकता है. इसके लिए युवतियों को भी आगे आना चाहिए ताकि वह छेड़खानी की घटना को प्रशासन तक पहुंचा सके. श्रद्धा
प्रशासन सतर्क रहे, तो रुक जायेगी छेड़खानी
फोटो: फोल्डरप्रशासन यदि सतर्क रहे, तो राजधानी में हो रहे छेड़खानी की घटना को रोका जा सकता है. यह मानना है कॉलेज जाने वाली छात्राओं का, जो आये दिन ऑटो व बस या रास्ते में छेड़खानी की शिकार होती हैं. इस विषय पर रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक में छात्राएं आपस में चर्चा करती […]
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