रांची : राज्य में वर्षों से बिना मान्यता के निजी विद्यालय चल रहे हैं. इनको न तो किसी बोर्ड और न ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार से मान्यता प्राप्त है. राज्य में प्रति वर्ष ऐसे विद्यालयों की संख्या बढ़ रही है. इन विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.
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बिना मान्यता के निजी स्कूलों में पढ़ रहे 12 लाख बच्चे
रांची : राज्य में वर्षों से बिना मान्यता के निजी विद्यालय चल रहे हैं. इनको न तो किसी बोर्ड और न ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार से मान्यता प्राप्त है. राज्य में प्रति वर्ष ऐसे विद्यालयों की संख्या बढ़ रही है. इन विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ रही […]
वर्ष 2018-19 में इन विद्यालयों में 12,16,398 विद्यार्थी नामांकित हैं. पिछले छह साल में ऐसे विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों की संख्या में 4,81,210 की बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2013-14 में गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में 73,5,188 विद्यार्थी नामांकित थे. आज यह संख्या बढ़कर 12,16,398 हो गयी है.
गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में सबसे अधिक प्राथमिक कोटि के विद्यालय हैं. इनमें कक्षा पांच तक की पढ़ाई होती है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी कोटि के निजी विद्यालयों को कक्षा आठ तक संचालन के लिए मान्यता लेनी है. झारखंड में एक अप्रैल 2010 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है.
अधिनियम लागू होने के तीन वर्ष के अंदर राज्य में कक्षा आठ तक के लिए संचालित सभी कोटि के प्राइवेट स्कूलों को मान्यता लेनी थी. 31 मार्च 2013 को तीन वर्ष की समय-सीमा समाप्त हो गयी, लेकिन राज्य के प्राइवेट स्कूलों ने मान्यता नहीं ली.
सरकार ने भी इसे लेकर कोई प्रयास नहीं किया. जिन स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन जमा किया, उनमें भी अधिकतर प्रस्ताव संबंधित जिला के डीएसइ में लंबित रह गये. शिक्षा विभाग ने इस वर्ष शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है. इसके तहत विद्यालयों मान्यता लेने को कहा गया है.
स्कूलों को दिया गया है एक वर्ष का समय
शिक्षा का अधिकार अधिनियम संशोधन 2019 के तहत निजी विद्यालयों को फिर से मान्यता के लिए आवेदन देना होगा. विद्यालयों को एक वर्ष के अंदर निरीक्षण कराना होगा. झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ इसका विरोध कर रहा है.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत विद्यालयों को लेनी है मान्यता
गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे
राज्य में कुल 5245 निजी विद्यालय हैं संचालित
वर्ष 2018 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में निजी विद्यालयों की संख्या 5245 है. इसमें से लगभग 4740 विद्यालय ऐसे हैं जो किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है.
उल्लेखनीय है कि वैसे निजी विद्यालय जिन्हें किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है उन्हें भी कक्षा आठ तक शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मान्यता लेना है. पूर्व में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 199 विद्यालयों ने मान्यता ली थी.
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