एजेंसियां, नयी दिल्लीसंसद भवन, राष्ट्रपति भवन और उसके आसपास के वीआइपी इलाकों में बंदरों से छुटकारा के लिए एनडीएमसी एक नया तरीका अपनाया है. बंदरों को भगाने के लिए प्रशिक्षित युवाओं को लंगूर बनाया गया है. एनडीएमसी ने इस काम में 40 लोगों को लगाया है, जो लंगूर बन कर सरकारी दफ्तरों और संसद परिसर से बंदरों को भगा रहे हैं.नायाब है काम करने का तरीका इन युवाओं के काम करने का तरीका भी नायाब है. ये लोग सूचना मिलने पर उस सरकारी कार्यालय, मंत्रालय या अफसरों के घरों में जाते हैं, जहां बंदरों की टोली उत्पात मचा रही होती है. सबसे पहले वहां जाकर देखते हैं कि कितने बंदर हैं? इसके बाद पहले वह लंगूर की आवाज निकालते हैं और बंदरों को भगाते हैं.वेंकैया ने राज्यसभा में स्वीकारा अगली बार आप दिल्ली में किसी लंगूर को देखें तो हो सकता है कि लंगूर के भेष में वह कोई प्रशिक्षित नौजवान हो. दिल्ली में बंदरों के आतंक से निपटने के लिए नयी दिल्ली नगर पालिका ने एक अनोखी युक्ति निकाली है. शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में स्वीकार किया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र विशेषकर संसद भवन और उसके आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक है.श्योर शॉट रबर बुलेट बंदूकें भी मंगायी उन्होंने एक लिखित उत्तर में बताया कि नयी दिल्ली नगर पालिका ने बंदरों को डराने के लिए श्योर शाट रबर बुलेट बंदूकें भी मंगायी हैं. उन्होंने बताया कि कुत्तों को पकड़ने वालों का दल सप्ताह में दो बार संसद भवन और इसके आसपास के इलाके में आकर उनकी धरपकड़ करता है.
लंगूर बन कर संसद से बंदर भगा रहे हैं नौजवान
एजेंसियां, नयी दिल्लीसंसद भवन, राष्ट्रपति भवन और उसके आसपास के वीआइपी इलाकों में बंदरों से छुटकारा के लिए एनडीएमसी एक नया तरीका अपनाया है. बंदरों को भगाने के लिए प्रशिक्षित युवाओं को लंगूर बनाया गया है. एनडीएमसी ने इस काम में 40 लोगों को लगाया है, जो लंगूर बन कर सरकारी दफ्तरों और संसद परिसर […]
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