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पीएमओ के सेनापतियों में बंटा कामकाज

एजेंसियां, नयी दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ का चेहरा बदलने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत मोदी ने तीन सबसे अहम और वरिष्ठ सेनापतियों के बीच काम का बंटवारा कर उन्हें जिम्मेदारियां सौंप दी हैं. ये हैं पीएमओ के तीन सबसे ताकतवर चेहरे- पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत […]

एजेंसियां, नयी दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ का चेहरा बदलने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत मोदी ने तीन सबसे अहम और वरिष्ठ सेनापतियों के बीच काम का बंटवारा कर उन्हें जिम्मेदारियां सौंप दी हैं. ये हैं पीएमओ के तीन सबसे ताकतवर चेहरे- पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और एडिशनल प्रिंसिपल सेक्र ेटरी पीके मिश्र. सत्ता के गलियारों में इन्हें पीएमओ की त्रिमूर्ति कहा जाता है. तीनों ही अधिकारी पीएमओ के रोजमर्रा के कामकाज देखेंगे. कामकाज में नयी लकीर खींचने वाले मोदी पीएमओ में भी नयी शुरु आत करना चाहते थे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय शिष्टाचार और डीओपीटी के नियमों व कैबिनेट सेक्र ेटेरिएट के चलते वह ऐसा नहीं कर पाये. सूत्रों के मुताबिक, मोदी पीके मिश्र को भी पीएस-2 बनाना चाहते थे, लेकिन नियमों के चलते वह ऐसा नहीं कर पाये. इसके पीछे एक वजह यह भी बतायी जा रही है कि पीएमओ का पाला अंतरराष्ट्रीय सरकारों और नेताओं के साथ भी पड़ता है, इसलिए दो पीएस की परंपरा वहां ठीक नहीं लगती. इसी लिए पीके मिश्र को एडिशनल पद से संतोष करना पड़ा. आइए देखें किसको मिला है क्या काम…अजीत डोभाल: सुरक्षा सलाहकार होने के नाते डोभाल को सुरक्षा सबंधी सभी मसलों के साथ विदेश व न्यूक्लियर मामलों की जिम्मेदारी दी गयी है.नृपेंद्र मिश्र: नृपेंद्र मिश्र को इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास से जुड़े मुद्दे सौंपे गये हैं.पीके मिश्र: कैबिनेट मामलों का प्रभार दिया गया है. वह कैबिनेट मीटिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे. सांसदों पार्टी मांगेगी सफाई उधर, : पार्टी व्हिप और संसद सत्र को गंभीरता से नहीं लेने वाले कई सदस्यों के प्रति भाजपा नेतृत्व ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सभी सांसदों से अपेक्षा की जाती है कि वे संसद सत्र को गंभीरता से लें और संसदीय प्रक्रियाओं एवं चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लें. संसद में आम बजट पर चर्चा के बाद विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को पारित कराने के दिन पार्टी के कई सदस्य सदन से अनुपस्थित थे जबकि उनमें से कई ने उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर किये थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को गंभीरता से लिया है. भाजपा ने पार्टी व्हिप और संसद सत्र को गंभीरता नहीं लेनेवाले भाजपा के कई सांसदों को नोटिस भेजने का फैसला किया है जिनकी संख्या 20 बतायी जाती है. इन सांसदों की सूची तैयार की जा रही है और इन्हें नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि सांसदों से कहा गया है कि वे संगठन के साथ सामंजस्य बना कर काम करें और सांसद निधि खर्च करते समय संगठन के साथ समन्वय बनायें. सांसदों से कहा गया है कि वे समांतर व्यवस्था कायम नहीं करें.

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