रांची: बड़े शहरों की तर्ज पर अब झारखंड में भी लिव इन रिलेशनशिप के मामले बढ़ रहे हैं. कॉलेज गर्ल से लेकर विधवा महिलाओं का लिव इन रिलेशनशिप में रहने के मामले महिला आयोग में आ रहे हैं. अधिकांश मामलों में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े आगे चल कर रिश्ता निभाने से मुकर जाते हैं.
कभी एक दूसरे का साथ पाने के लिए सामाजिक बंधनों को तोड़ लिव इन रिलेशन को अपनाया, अब एक दूसरे से अलग होने के लिए पुलिस, कोर्ट और महिला आयोग का सहारा ले रहे हैं
लिव इन के बढ़ते मामलों से हैरान है महिला आयोग
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ महुआ माजी बताती हैं कि आयोग में ऐसे मामलों की सख्या बढ़ी है. सप्ताह में दो से तीन मामले लिव इन रिलेशन शिप के होते हैं. उन्होंने कहा कि फैसला सुनाना मुश्किल होता है क्योंकि दोनों पक्षों के तर्क में दम होता है. इस रिलेशनशिप में रहने वाले कभी-कभी तो आयोग से सुझाव लेने भी आते हैं. उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने से आयोग किसी को रोक नहीं सकता है. ये आपसी समझौते की बात होती है, पर ऐसे मामलों को देख अब आयोग युवतियों व महिलाओं को कोर्ट मैरेज करने बाद ही लिव इन रिलेशनशिप में रहने की सलाह दे रहा है, जिससे बाद में कोई परेशानी पैदा न हो.
बहन की ननद से प्यार, विधवा के साथ लिव इन रिलेशन
रांची के एक युवक का उसकी शादीशुदा बहन के घर आना जाना था. बहनोई बाहर नौकरी करते हैं. इस बीच बहन की ननद से प्यार हो गया. वह गर्भवती भी हुई, पर लड़के ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया. महिला आयोग ने मामले की सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को बुलाया. उसी दौरान एक विधवा महिला ने युवक की पत्नी होने का दावा कर दिया. उसने बताया कि पिछले कई वर्षो से वह युवक से शादी कर उसके साथ रह रही है. दोनों का चार साल का एक बच्च भी है.
विधवा को उसके बच्चों के साथ अपनाया
रांची की एक महिला के पति की मृत्यु के बाद वह अपने बच्चे को लेकर युवक के साथ रह रही थी. इसकी जानकारी दोनों के घरवालों को थी. महिला युवक से जब शादी की बात करती तो युवक अपनी बहनों की शादी होने तक रूकने कहता था. दोनों बहनों की शादी के बाद युवक शादी से मुकर गया. महिला के मुताबिक युवक के कहने पर महिला ने पांच बार गर्भपात भी कराया. अब महिला आयोग के पास न्याय के लिए पहुंची है.
नौकरी लगी तो लिव इन रिलेशन से मुकर गया
हजारीबाग की एक महिला पति से तलाक हो जाने के बाद दूसरे संप्रदाय के युवक के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही थी. पहले पति से उसका एक बच्च भी है. जिसे युवक ने अपना लिया था. युवक सरकारी नौकरी लगने के बाद अब महिला को अपनाने से इनकार कर रहा है. महिला ने आयोग को बताया कि वह गर्भवती है. उसने आयोग से सुझाव मांगा है कि उस बच्चे को जन्म दे या नहीं क्योंकि अब युवक उसके साथ रहना नहीं चाहता.