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रांची : मिलावट करनेवाले खाद्य विक्रेताओं पर हो कार्रवाई
एफएसएसएअाइ की अध्यक्ष ने स्वास्थ्य सचिव को दिया निर्देश रांची : फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी अॉफ इंडिया (एफएसएसएअाइ) की अध्यक्ष सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीता तेवतिया ने स्वास्थ्य सचिव सह खाद्य आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी से कहा है कि वह मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें. राज्य भर में लिये गये […]
एफएसएसएअाइ की अध्यक्ष ने स्वास्थ्य सचिव को दिया निर्देश
रांची : फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी अॉफ इंडिया (एफएसएसएअाइ) की अध्यक्ष सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीता तेवतिया ने स्वास्थ्य सचिव सह खाद्य आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी से कहा है कि वह मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें.
राज्य भर में लिये गये या लिये जा रहे खाद्य सैंपल तथा इनमें से जांच में फेल खाद्य सैंपल के आंकड़े तथा संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी चर्चा के दौरान रीता ने यह बात कही. वह अायुक्त सहित विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ एफएसएसएआइ के प्रावधान तथा झारखंड में इनके क्रियान्वयन को लेकर नेपाल हाउस में बैठक कर रही थीं.
खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने में राज्य 22वें नंबर पर: बुधवार को रांची पहुंची रीता ने दोपहर तीन बजे से लेकर साढ़े पांच बजे तक खाद्य सुरक्षा संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों तथा राज्य में इनके क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी प्राप्त की. गौरतलब है कि एफएसएसएआइ के कानून तथा इनके प्रावधान लागू कर लोगों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने में झारखंड का स्थान देश भर में 22वां है. यानी राज्य की स्थिति बेहद खराब है.
पहले यहां खाद्य निरीक्षकों (फूड इंस्पेक्टर) की भी कमी थी. दो माह पहले 16 खाद्य निरीक्षकों की बहाली से स्थिति सुधरी है. वहीं अब एसडीअो को अभिहीत पदाधिकारी (डिजिग्नेटेड अॉफिसर) बनाया गया है, जो खाद्य सैंपल लेने तथा मिलावट के मामले में उपायुक्त के यहां केस दर्ज कराने में सक्षम है.
बैठक में मौजूद खाद्य आयुक्त सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने रीता तेवतिया को खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में झारखंड में हो रहे प्रयास की जानकारी दी. श्रीमती तेवतिया ने खाद्य जांच प्रयोगशाला तथा वहां मौजूद उपकरणों सहित अन्य सुविधाअों की जानकारी ली तथा लैब दुरुस्त करने को कहा. वहीं राज्य में सेफ्टी स्ट्रीट फूड हब बनाने की सलाह उन्होंने दी.
सामान्य मामले में केस न करें
रीता तेवतिया ने कहा कि 12 लाख सालाना से कम टर्नअोवर वाले खाद्य व्यापारियों को, जो गैर हानिकारक मिलावट करते पकड़ें जाये, उन पर केस करने के बजाय 25 हजार तक का जुर्माना लगाएं तथा उन्हें चेतावनी देकर छोड़ें. हानिकारक मिलावट वाले मामले में केस जरूरी है.
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