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यूनियनों ने सप्लाई मजदूरों को छलने का काम किया : दिलीप

रांची : एचइसी सप्लाई संघर्ष समिति की आमसभा शनिवार को नेहरू पार्क में हुई. समिति के अध्यक्ष दिलीप सिंह ने कहा कि वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर पांच यूनियनों ने तीन सितंबर को हड़ताल की घोषणा की है. साथ ही यूनियन ने समिति से हड़ताल पर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है. अगर […]

रांची : एचइसी सप्लाई संघर्ष समिति की आमसभा शनिवार को नेहरू पार्क में हुई. समिति के अध्यक्ष दिलीप सिंह ने कहा कि वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर पांच यूनियनों ने तीन सितंबर को हड़ताल की घोषणा की है. साथ ही यूनियन ने समिति से हड़ताल पर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है.

अगर हड़ताल में शामिल सभी यूनियन समिति की मांग (24 हजार न्यूनतम वेतन, ग्रेच्युटी एवं 61 तकनीकी कामगारों की अंतरिम बहाली) को अपने मांग पत्र में शामिल करती है, तो समिति हड़ताल पर जाने पर विचार करेगी. श्री सिंह ने कहा कि एचइसी की यूनियनों ने शुरू से ही सप्लाई मजदूरों को छलने का काम किया है. सभा को मनोज पाठक, वाई त्रिपाठी, राजेश शर्मा, रमेश पांडेय ने भी संबोधित किया.
भ्रम फैला रहा है प्रबंधन : लालदेव : हटिया कामगार यूनियन के अध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा कि वेतन पुनरीक्षण को लेकर प्रबंधन एवं मान्यता प्राप्त यूनियन भ्रम फैला रहे हैं.
उन्होंने कह कि वेतन पुनरीक्षण समझौता होने के बाद श्रम विभाग से सहमति लेकर भारी उद्योग मंत्रालय के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाता है. यही प्रक्रिया वर्ष 1992, 1997 व 2007 के वेतन पुनरीक्षण में लागू थी. लेकिन, इस प्रक्रिया के विपरीत प्रबंधन व मान्यता प्राप्त यूनियनों द्वारा कर्मचारियों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (जो वेतन पुनरीक्षण के लिए दिशा निर्देश देता है) के पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वेतन पुनरीक्षण करने के बाद स्वीकृति के लिए अपने संबंधित मंत्रालय को भेजें. इस पत्र से स्पष्ट होता है कि वेतन समझौता सरकार के अनुमोदन के बाद लागू होगा और यही बात वेतन पुनरीक्षण मंच का कहना है.
हड़ताल पर सप्लाई संघर्ष मोर्चा अपनी स्थिति स्पष्ट करे : हटिया मजदूर यूनियन की आमसभा शनिवार को एचएमबीपी गेट संख्या तीन के समक्ष हुई. अध्यक्ष भवन सिंह ने कहा कि तीन सितंबर की हड़ताल को सफल बनाने के लिए ठेका मजदूर एवं कामगार पूरी तैयारी में लगे हुए हैं. यदि इस बार विलंब हुआ, तो चुनाव आयोग विधानसभा की घोषणा कर देगा और आचार संहित लागू हो जायेगा.
कामगारों का वेतन पुनरीक्षण लंबित है. दस साल से 1200 सप्लाई मजदूरों की सालाना वेतन वृद्धि बंद है. प्रबंधन कर्मचारियों का शोषण कर रहा है. कर्मचारी के इलाज के लिए रेफर केश में दो लाख भुगतान के बिल पर वित्त निदेशक द्वारा 80 हजार रुपये भुगतान कहां तक उचित है.

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