रांची: रांची विवि सिंडिकेट ने विवि शिक्षकों को प्रोन्नति देने के मामले में यूजीसी के नियमानुसार एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके तहत अब शिक्षक किसी भी स्कीम के तहत रीडर बने होंगे, तो वे प्रोफेसर बनने के हकदार होंगे.
साथ ही 2008 के बाद रिफ्रेशर कोर्स/ओरिएंटेशन कोर्स नहीं करनेवाले शिक्षकों की प्रोन्नति पर रोक लगाये जाने की स्थिति में विवि ने शिक्षकों को राहत दी है. 1.1.2009 से 31.12.2013 तक कभी भी रिफ्रेशर कोर्स/ओरिएंटेशन कोर्स करनेवाले शिक्षकों को पूर्व निर्धारित तिथि से ही प्रोन्नति का लाभ मिलेगा. इसकी अंतिम स्वीकृति अब राज्य सरकार द्वारा मिलेगी. कुलपति डॉ एलएन भगत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में शिक्षकों के सीएल में कटौती के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी गयी है.
विविकर्मियों को एक एकेडमिक सत्र में अब 14 दिनों की जगह आठ दिन का ही सीएल मिलेगा. अर्न लीव 300 दिनों का व कमोटेड लीव 240 दिनों का मिलेगा. सिंडिकेट ने विवि नियम-परिनियम समिति के उस फैसले की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिसमें मातृत्व अवकाश तीन माह से बढ़ा कर छह माह व पितृत्व अवकाश 15 दिनों (डेढ़ माह) का किया गया है. बैठक में राज्य सरकार के कार्यालयों में लागू नये पेंशन स्कीम अब विवि कर्मियों पर भी लागू करने के प्रस्ताव पर सहमति दी गयी. इसके तहत 1.12.2004 के बाद नये पेंशन स्कीम को अपनाया गया है, जिसमें विविकर्मियों के कंट्रीब्यूशन को आधार बनाया गया है.
यूजीसी के नियमानुसार ही शिक्षकों व अधिकारियों की नियुक्ति के लिए अपनाये गये मापदंड को स्वीकार किया गया. जबकि शिक्षकों की प्रोन्नति में अब रिसर्च, मूल्यांकन कार्य, मेजर, माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट, एमफिल, पीएचडी, ट्रेनिंग कोर्स आदि पर अलग-अलग प्वाइंट निर्धारित किये गये. बैठक में कुलपति के अलावा प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार, डॉ एएम तिवारी, डीएसडब्ल्यू सतीश गुप्ता, रामचंद्र नायक, पवन साहु, दिनेश उरांव, रूपलक्ष्मी मुंडा आदि उपस्थित थे.