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रांची : अंग्रेजों जैसा दंडात्मक नहीं होगा राज्य का पुलिस एक्ट

मार्च 2016 से झारखंड पुलिस एक्ट बनाने की शुरू हुई थी कवायद राज्य सरकार का निर्देश : जल्द से जल्द एक्ट को दें अंतिम रूप कैबिनेट से पास होने के बाद नयी विधानसभा से पारित करा कर एक्ट को लागू करेगी सरकार रांची : 1861 में अंग्रेजों के बनाये दंडात्मक पुलिस एक्ट पर झारखंड पुलिस […]

मार्च 2016 से झारखंड पुलिस एक्ट बनाने की शुरू हुई थी कवायद
राज्य सरकार का निर्देश : जल्द से जल्द एक्ट को दें अंतिम रूप
कैबिनेट से पास होने के बाद नयी विधानसभा से पारित करा कर एक्ट को लागू करेगी सरकार
रांची : 1861 में अंग्रेजों के बनाये दंडात्मक पुलिस एक्ट पर झारखंड पुलिस अब भी चल रही है. इसकी जगह मानवीय स्वरूप वाला झारखंड पुलिस एक्ट बनाया जायेगा. इसके लिए गृह सचिव, विधि सचिव और डीजीपी की तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. यही कमेटी एक्ट के प्रारूप को अंतिम रूप देगी. इसके बाद इसे कैबिनेट से पास करा नयी विधानसभा के पटल पर रखा जायेगा. वहां से एक्ट पारित होने के बाद सरकार इसकी अधिसूचना जारी करेगी. तब प्रदेश का अपना पुलिस एक्ट लागू हो जायेगा. इस संबंध में राज्य सरकार के स्तर से तीन सदस्यीय कमेटी को प्रारूप फाइनल कर देने को कहा गया है. वर्ष 2016 में झारखंड पुलिस एक्ट बनाने की कवायद शुरू की गयी थी. अब तक कई बिंदुओं पर बदलाव किया जा चुका है.
दो राज्याें का अध्ययन किया गया था : झारखंड का पुलिस एक्ट बनाने के लिए तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने ओड़िशा और छत्तीसगढ़ पुलिस के एक्ट का अध्ययन किया था. झारखंड के पुलिस एक्ट में गृह विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना और संकल्प को झारखंड पुलिस एक्ट में जोड़ा जायेगा.
जानकारी के मुताबिक झारखंड पुलिस एक्ट में सबके लिए समानता होगी. विधि व्यवस्था और पुलिस का अनुसंधान अलग-अलग होगा. लोगों में वर्दी का खौफ नहीं रहे, इसके लिए फ्रेंडली पुलिसिंग की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही नये ट्रैफिक एक्ट को भी अमलीजामा पहनाया जायेगा. संभव है कि शहरी क्षेत्र में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था बनाया जाये. एक्ट में स्पेशल आर्म्स बटालियन, पुलिस स्ट्रक्चर, बहाली, प्रोन्नति व अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी विस्तृत ब्योरा होगा. नक्सल सरेंडर नीति का भी उल्लेख किया जायेगा.
इन अधिसूचनाओं व संकल्पों को भी नये एक्ट में मिलेगी जगह
स्टेट सिक्यूरिटी कमीशन का गठन : 31-12 2006 को अधिसूचना जारी
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार पैनल से डीजीपी का चयन : 19 फरवरी 2007 और 31 फरवरी 2007 को अधिसूचना जारी
पुलिस पदाधिकारियों के पदस्थापन की न्यूनतम अवधि निर्धारित करना : 27 फरवरी 2007 को अधिसूचना जारी
पुलिस के विधि व्यवस्था एवं अनुसंधान कार्यों का बंटवारा : 31-12-2006 को संकल्प जारी
राज्य के पुलिस पदाधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन के साथ अन्य मामलों के लिए गठित पुलिस स्थापना पर्षद
सुप्रीम कोर्ट ने एक्ट बनाने का दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में अंग्रेजों के पुलिस कानून की जगह हर राज्य को अपना पुलिस एक्ट बनाने का आदेश दिया था. नये एक्ट बनाने को लेकर यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह सुप्रीम कोर्ट गये थे. उन्होंने नया पुलिस एक्ट बनाया था. इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को आदेश जारी किया था, जिसमें पुलिस-पब्लिक के बीच की खाई खत्म करने का प्रावधान हो. एससी-एसटी सहित दबे-कुचले वर्ग के हित का ध्यान रखा जाये.

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