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रांची : सीयूजे में होती है चाइनीज व कोरियन भाषाओं की पढ़ाई
पूर्वोत्तर भारत का ऐसा पहला विश्वविद्यालय, जहां पढ़ाई जाती हैं दोनों विदेशी भाषाएं रांची : केंद्रीय विवि, झारखंड राज्य ही नहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र का पहला विवि है, जहां चाइनीज, तिब्बती और कोरियन भाषाओं की पढ़ाई होती है. यहां पढ़नेवाले विद्यार्थी विजिट के लिए समय-समय पर चीन और कोरिया भी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत या फिर […]
पूर्वोत्तर भारत का ऐसा पहला विश्वविद्यालय, जहां पढ़ाई जाती हैं दोनों विदेशी भाषाएं
रांची : केंद्रीय विवि, झारखंड राज्य ही नहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र का पहला विवि है, जहां चाइनीज, तिब्बती और कोरियन भाषाओं की पढ़ाई होती है. यहां पढ़नेवाले विद्यार्थी विजिट के लिए समय-समय पर चीन और कोरिया भी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत या फिर विजिट के लिए जाते हैं.
इतना ही नहीं, यहां से शिक्षा ग्रहण करनेवाले विद्यार्थी देश-विदेश में अपनी सेवा भी दे रहे हैं. वर्ष 2012 में विवि में इस केंद्र की स्थापना हुई. विवि के अधिकारी बताते हैं कि भारत में कोरियाई भाषा की पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड (डिग्री व पीजी) कोर्स की पढ़ाई सिर्फ दो विवि में ही होती है. इनमें जवाहरलाल नेहरू विवि व केंद्रीय विवि, झारखंड शामिल हैं.
हर कोर्स में 40-40 सीटें हैं. नामांकन के समय 14 हजार रुपये अौर प्रति सेमेस्टर पांच हजार रुपये शुल्क लगते हैं. केंद्र सरकार और विभिन्न कंपनियों द्वारा यहां लांग टर्म व शार्ट टर्म छात्रवृत्ति दी जाती है. इस विवि से आर्या कुमारी, मणिकांत कुमार, देवशरण शर्मा, रुचि कुमारी अौर हेमंत राज दक्षिण कोरिया के विभिन्न विश्वविद्यालययों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
15 दिन के लिए कराया कोरिया भ्रमण : विवि के चार विद्यार्थियों को ग्रुप कैंप फॉर एशियाज फ्यूचर लीडर इन कोरिया प्रोग्राम के तहत 15 दिन के लिए कोरिया भ्रमण कराया गया. इस वर्ष भी अॉफर आये हैं. इसके अलावा आशियान एयरलाइंस ने तीन मेधावी विद्यार्थियों को 30-30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी है.
इस विवि में अध्ययन करनेवाले 50 से अधिक विद्यार्थी अमेजन, अोरेकल, टेक महिंद्रा, सैमसंग, नुगावेस्ट, मेडिकल इंडिया, एंटरकांम्स सोल्युशन आदि कंपनियों में सेवा दे रहे हैं. फिलहाल इस कोर्स में दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, झारखंड, हरियाणा और पंजाब आदि जगहों के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. इसी प्रकार चीनी भाषा विभाग में भी पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के साथ-साथ एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स व छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स चल रहा है.
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के सहयोग से इस विवि में चाइनीज भाषा में अध्ययनरत पांच विद्यार्थियों को चीन के बड़े विवि में उच्च शिक्षा के लिए भेजा गया है. वह चीनी सरकार की स्कॉलरशिप योजना के तहत चीन में रह रहे हैं. वहीं 11 विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हुआ है. इसके अलावा 20 विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए चीन में रह रहे हैं. विवि में चीनी और कोरिया भाषा प्रयोगशाला भी हैं.
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