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झारखंड के मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा, हम तीन तलाक विधेयक नहीं मानेंगे

कहा : यह मुस्लिम महिलाओं के लिए काला कानून है रांची : तीन तलाक विधेयक को हम लोग नहीं मानेंगे. यह शरीयत में हस्तक्षेप है. उक्त बातें मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने बुधवार को एदार-ए-शरिया झारखंड की अोर से तीन तलाक के मुद्दे पर इस्लामी मरकज परिसर हिंदपीढ़ी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा […]

कहा : यह मुस्लिम महिलाओं के लिए काला कानून है
रांची : तीन तलाक विधेयक को हम लोग नहीं मानेंगे. यह शरीयत में हस्तक्षेप है. उक्त बातें मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने बुधवार को एदार-ए-शरिया झारखंड की अोर से तीन तलाक के मुद्दे पर इस्लामी मरकज परिसर हिंदपीढ़ी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान की एनडीए की सरकार मुस्लिमों को जानबूझ कर निशाना बना रही है. इस विधेयक के पास होने में उन दलों का भी सहयोग रहा, जो मुसलिमों के रहनुमा बनते हैं. जिस कारण यह बिल पास हो पाया. उन्होंने कहा कि यह तीन तलाक कानून मुस्लिम महिलाअों के लिए काला कानून है.
इस कानून से उन मुस्लिम महिलाअों की मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक परेशानी बढ़ जायेगी, जो इससे पीड़ित हैं. कानून के अनुसार जब एक पति अपनी पत्नी को तीन तलाक देगा, तो वह मान्य नहीं होगा और तलाक देने के बावजूद पीड़ित महिला तलाक देनेवाले पति की पत्नी रहेगी. फिर उस मुस्लिम महिला के पति को क्रिमिनल एक्ट के तहत तीन वर्षों की सजा सीधे तौर पर हो जायेगी, जो गलत है.
सरकार यह भी कहती है कि इस दौरान पत्नी एवं बच्चों का खर्च पति देगा. अब प्रश्न यह है कि जब पति जेल में बंद कर दिया गया है, तो वह खर्च कैसे दे पायेगा. उन्होंने कहा कि दूसरे धर्म में तलाक का आंकड़ा हम लोगों से कई गुना अधिक है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. हम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जो गलत है.
मौके पर अध्यक्ष सैयद नुरुलएन बरकाती, मौलाना जसीमुद्दीन खां ,कारी अयूब रिजवी, मुफ्ती अब्दुल एम मिस्बाही, मौलाना डॉ ताजउद्दीन रिजवी,मौलाना नेजामुउद्दीन मिस्बाही, एसएम मोईन सहित अन्य मौलाना व हाफिज आदि मौजूद थे.

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