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प्रतिदिन 15 हजार लीटर से अधिक दुग्ध का हो रहा संग्रहण

मांडर : मांडर व चान्हो प्रखंड में गो पालन कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की चाह रखने वाले ग्रामीणों को दुग्ध संग्रहण व शीतक केंद्र नयी राह दिखा रहा है. झारखंड मिल्क फेडरेशन की ओर से मांडर व चान्हो प्रखंड के कई गांव में स्थापित दुग्ध शीतक केंद्र के माध्यम से ग्रामीणों से सीधे तौर […]

मांडर : मांडर व चान्हो प्रखंड में गो पालन कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की चाह रखने वाले ग्रामीणों को दुग्ध संग्रहण व शीतक केंद्र नयी राह दिखा रहा है. झारखंड मिल्क फेडरेशन की ओर से मांडर व चान्हो प्रखंड के कई गांव में स्थापित दुग्ध शीतक केंद्र के माध्यम से ग्रामीणों से सीधे तौर पर दूध खरीद की जा रही है और गुणवत्ता के आधार पर दूध की कीमत का भुगतान डीबीटी से सीधे उनके खाते में ही किया जा रहा है. जिसका परिणाम है कि क्षेत्र में लगातार गो पालकों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

वहीं ग्रामीण दुग्ध उत्पादन से आय वृद्धि की नयी इबारत लिख रहे हैं. गो पालन व दुग्ध उत्पादन से जुड़े कई ग्रामीणों ने बताया कि पहले दूध बिक्री व उसके मूल्य को लेकर अनिश्चितता का माहौल रहता था. कहीं-कहीं निजी दुग्ध संग्रहण केंद्र थे. जहां केन के माध्यम से दूध पहुंचाने में कई बार दूध खराब हो जाता था. जिससे उन्हें सीधे आर्थिक नुकसान होता था. दिये गये दूध की कीमत को लेकर भी उन्हें बीच के ही व्यक्ति पर निर्भर रहना पड़ता था.

लेकिन अब नजदीकी गांव में खुले दुग्ध शीतक केंद्र से उन्हें इस तरह की परेशानी से मुक्ति मिल गयी है. अब वे दूध लेकर शीतक केंद्र जाते हैं. अपने सामने ही वहां मौजूद उपकरण से उसकी गुणवत्ता की जांच व मूल्य का निर्धारण होते हुए देखते हैं और उसे केंद्र के संचालक के हवाले कर देते हैं. दूध का पैसा प्रत्येक 10 दिन बाद सीधे उनके खाते में आ जाता है.

शीतक केंद्र में तमाम सेटअप है उपलब्ध : जानकारी के अनुसार मांडर के करगे, बरगड़ी, कैम्बो व महुआजाड़ी तथा चान्हो के पतरातू, ओपा, बीजूपाड़ा, हुरहुरी, चोरेया तथा लेपसर में झारखंड मिल्क फेडरेशन की ओर से दुग्ध संग्रहण व शीतक केंद्र की स्थापना की गयी है. दो हजार लीटर की क्षमता वाले इस शीतक केंद्र में संग्रहित दूध को ठंडा रखने के लिए तमाम सेटअप के साथ जेनेरेटर, लैक्टो मीटर, डेस्कटॉप कंप्यूटर सहित जरूरी उपकरण झारखंड मिल्क फेडरेशन की ओर से ही उपलब्ध कराये जाते हैं.
यहां आसपास के गांव के गो पालक से दूध का संग्रह कर उसे ठंडा रखा जाता है. उसके बाद सुबह-शाम झारखंड मिल्क फेडरेशन के इंसुलेटेड मिल्क टैंकर के माध्यम से दूध को मेधा डेयरी होटवार ले जाया जाता है. बताया गया कि वर्तमान में मांडर व चान्हो प्रखंड में स्थापित नौ दुग्ध शीतक केंद्र के माध्यम से प्रतिदिन गो पालकों से करीब 15 हजार लीटर दूध का संग्रहण किया जाता है.

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