रांची : झारखंड विधानसभा की कार्यवाही पिछले साढ़े तीन वर्षों से सही तरीके से नहीं चल रही है. हर बार सत्र हंगामे की भेंट चढ़ जा रहा है. पिछले आठ से 10 सत्रों से विधानसभा पटरी पर नहीं है. वर्ष 2016 के दिसंबर महीने से शुरू हुए शीतकालीन सत्र से ही पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार चल रहा है़ इनके स्पीकर लाचार रहे.
Advertisement
साढ़े तीन वर्षों से सही तरीके से नहीं चल रही है विधानसभा की कार्यवाही
रांची : झारखंड विधानसभा की कार्यवाही पिछले साढ़े तीन वर्षों से सही तरीके से नहीं चल रही है. हर बार सत्र हंगामे की भेंट चढ़ जा रहा है. पिछले आठ से 10 सत्रों से विधानसभा पटरी पर नहीं है. वर्ष 2016 के दिसंबर महीने से शुरू हुए शीतकालीन सत्र से ही पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार […]
सदन में जेपीएससी में आरक्षण, जेपीएससी पीटी रिजल्ट, स्थानीयता व सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के मुद्दे पर सदन में लगातार हंगामा हो रहा है. इस कारण जनता के मुद्दे सही से नहीं आ पाये. लेनिन हॉल (विधानसभा) का आखिरी कार्यकाल भी परिणाम देने वाला नहीं रहा़
वर्तमान में एक-एक माननीय 1.60 लाख से ज्यादा तनख्वाह उठा रहे हैं. भत्ते अलग से. विधायक किसी कमेटी के सदस्य हैं, तो फिर उन्हें बतौर भत्ता 30 से 40 हजार रुपये मिल जाते हैं. इसके अतिरक्ति विधायकों के सहायकों को 35 हजार और चपरासी को 25 हजार तनख्वाह मिलती है.
कमेटी के सभापति के सहायकों को 45 हजार वेतन मिलता है. एक विधायक पर सरकार ढाई लाख से ज्यादा खर्च करती है़ माननीय पर करोड़ों खर्च के बाद भी सदन का ठीक से नहीं चलना जनता के साथ धोखा है.
2016 में 51 दिन चला सत्र, 39 दिन हो-हंगामा
2016 के मॉनसून सत्र से अब तक 51 दिन विधानसभा का सत्र आहूत किया गया था. इनमें दो बार निर्धारित तिथि से 12 दिन पहले सत्रावसान कर दिया गया. शेष 39 दिन में भी सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चली. मिनटों में विधेयक और बजट पास हो रहे हैं. सरकार ने किसी तरह अपना विधायी काम निबटा लिया.
बिना विपक्ष के भी चली कार्यवाही सिर्फ सत्ता पक्ष के प्रश्न आये
2016 में 15 फरवरी से लेकर 18 मार्च तक के लिए सत्र बुलाया गया था. सदन में जेपीएससी के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा चलता रहा. दो मार्च को सदन की कार्यवाही बिना विपक्ष के चली.
केवल सत्ता पक्ष के प्रश्न ही सदन में आये. 2016 के अंतिम सत्र से सीएनटी-एसपीटी का मामला तूल पकड़ा. नवंबर में शीतकालीन सत्र में तो मर्यादाएं तार-तार हुईं. स्पीकर पर कुर्सी और जूते फेंके गये़
पिछले साढ़े तीन साल में ऐसे चली विधानसभा
वर्ष 2016 : मॉनसून सत्र : 22 जुलाई से 29 जुलाई (6 दिन कार्य दिवस )
22 जुलाई : शोक प्रकाश के बाद कार्यवाही स्थगित
25 जुलाई : एडीजी अनुराग गुप्ता को लेकर विपक्ष का हंगामा. कागज फाड़ेे गये. वेल में विधायकों का हंगामा. अनुपूरक बजट पेश हुआ
26 जुलाई : विधानसभा ठप़
27 जुलाई : सदन की कार्यवाही नहीं चली़
28 जुलाई : पहली पाली में नहीं चला हाउस. विपक्ष का हंगामा.
29 जुलाई : अंतिम दिन भी हंगामा, नहीं चला सदन
2016 : शीतकालीन सत्र : 17 नवंबर से 23 नवंबर तक (4 दिन कार्य दिवस )
17 नवंबर : शोक प्रकाश के बाद कार्यवाही स्थगित
18 नवंबर : सदन नहीं चला
21 नवंबर : विधानसभा ठप
23 नवंबर : स्पीकर पर जूते व कुर्सी फेंके गये. सीएनटी-एसपीटी में संशोधन तीन मिनट में पास हुआ.
वर्ष 2017 : बजट सत्र : 17 जनवरी से 7 फरवरी तक (11 दिन कार्य दिवस )
17 जनवरी : राज्यपाल का अभिभाषण, विपक्ष का वाक आउट़
18 जनवरी : विधायक अनिल मुर्मू के निधन पर कार्यवाही स्थगित
19 जनवरी : हंगामा, झामुमो के चार विधायक निलंबित
20 जनवरी : सीएनटी-एसपीटी को लेकर हंगामा
21 जनवरी : हंगामा के कारण नहीं चला सदन
23 जनवरी : सीएनटी-एसपीटी को लेकर हंगामा.
24 जनवरी : केवल 10 मिनट सदन चला.
28 जनवरी : सिर्फ 17 मिनट चला सदन, कार्यवाही बाधित
30 जनवरी : चार मिनट में सरकार ने अपना काम निबटाया, नहीं चला प्रश्नकाल
31 जनवरी : सदन बाधित
3 फरवरी : चार दिन पहले ही बजट सत्र खत्म
2017 विशेष सत्र : 27 मार्च (1 दिन)
जीएसटी पर चर्चा की गयी
2017 : मॉनसून सत्र : 8 अगस्त से 12 अगस्त(5 दिन)
8 अगस्त : शोक प्रकाश, नहीं चला प्रश्नकाल
9 अगस्त : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन वापस. पहली पाली में हंगामा, दूसरी पाली में काम नहीं
10 अगस्त : हंगामा, पक्ष-विपक्ष में तकरार
11 अगस्त : मेडिकल प्रोटेक्शन बिल नहीं हुआ पास. कोई काम नहीं हुआ़
12 अगस्त : भूमि संशोधन विधेयक, धर्म स्वतंत्र विधेयक पारित, हंगामा़
2017 शीतकालीन सत्र : 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक (4 दिन कार्य दिवस )
12 दिसंबर : शोक प्रकाश के बाद कार्यवाही स्थगित
13 दिसंबर : सरकार ने दो मिनट में काम निबटाया, हंगामा
14 दिसंबर : हंगामा व नारेबाजी के कारण नहीं चला सदन
15 दिसंबर : दोनों पाली में हंगामा
2018 बजट सत्र : 17 जनवरी से सात फरवरी (8 दिन कार्य दिवस)
(सत्र सात फरवरी तक निर्धारित था, हंगामे के कारण आठ दिन पहले 30 जनवरी को ही स्थगित)
17 जनवरी : 10 मिनट में राज्यपाल ने भाषण पूरा किया, हंगामा
18 जनवरी : तीन आला अधिकारियों को लेकर हंगामा
19 जनवरी : तीन आला अधिकारियों को लेकर हंगामा
20 जनवरी : हंगामा
23 जनवरी : बजट पेश, विधानसभा स्थगित
24 जनवरी : हंगामा के कारण 10 मिनट चला सदन
29 जनवरी : नहीं चला सदन
30 जनवरी : नहीं चला सदन, पक्ष-विपक्ष में तकरार
2019 का बजट सत्र : मॉनसून सत्र में भी गतिरोध जारी रहा़
2019 के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन, 27 जुलाई को ही प्रश्नकाल चल पाया
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement