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रांची : लालपुर, अरगोड़ा और करमटोली चौक पर बनेगा फ्लाइओवर

उत्तम महतो शहर को जाम मुक्त बनाने की योजना. डीपीआर ड्राफ्ट तैयार, नगर विकास विभाग ने दी सहमति रांची : नगर विकास विभाग ने रांची में तीन नये फ्लाइओवर निर्माण की योजना पर सहमति दी है. लालपुर चौक, अरगोड़ा चौक और करमटोली चौक पर नये फ्लाइओवर बनाने का फैसला किया गया है. शहर को जाम […]

उत्तम महतो
शहर को जाम मुक्त बनाने की योजना. डीपीआर ड्राफ्ट तैयार, नगर विकास विभाग ने दी सहमति
रांची : नगर विकास विभाग ने रांची में तीन नये फ्लाइओवर निर्माण की योजना पर सहमति दी है. लालपुर चौक, अरगोड़ा चौक और करमटोली चौक पर नये फ्लाइओवर बनाने का फैसला किया गया है. शहर को जाम से मुक्त करने के लिए भविष्य की अनुमानित आबादी को ध्यान में रखते हुए फ्लाइओवर निर्माण के लिए डीपीआर ड्राफ्ट तैयार कराया गया है.
तीन नये फ्लाइओवर में सबसे ज्यादा खर्च लालपुर में प्रस्तावित फ्लाइओवर पर होगा. लालपुर में 2019 मीटर लंबा फ्लाइओवर बनाया जायेगा. इस पर 85.59 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा. वहीं, करमटोली में 1259 मीटर लंबे फ्लाइओवर को बनाने में 43.415 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सबसे छोटा फ्लाइओवर अरगोड़ा चौक पर बनेगा. उसकी लंबाई 1,029 मीटर होगी. अरगोड़ा चौक पर बनने वाले फ्लाइओवर पर 24.25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
सड़क चौड़ीकरण की तुलना में कम होगी लागत : नगर विकास विभाग के अधिकारी बताते हैं कि फ्लाइओवर निर्माण की अनुमानित लागत भूमि अधिग्रहण के बाद सड़क चौड़ीकरण की लागत की तुलना में काफी कम होती है. इसके अलावा सड़क चौड़ीकरण कर शहर के अंदर चार लेन की सड़क ही बनायी जा सकती है, जबकि, फ्लाइओवर से संबंधित स्थान पर छह लेन की सड़क उपलब्ध हो सकेगी. इससे वाहनों के लिए ज्यादा जगह मिलेगी.
रांची प्लान करके बसाया गया शहर नहीं है. शहर की प्रमुख सड़कों के किनारों पर सरकारी भूमि की नहीं है. सड़क चौड़ीकरण बिना जमीन अधिग्रहण के नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बिना जमीन अधिग्रहण के बिना फ्लाइओवर आधारित योजनाएं तैयार की जा रही हैं.
अजय कुमार सिंह, सचिव, नगर विकास विभाग
तय करने होंगे विकास के मापदंड
सबसे पहले हमें विकास के मापदंड तय करने होंगे. क्या फ्लाइओवर या चौड़ी सड़कों के निर्माण मात्र से ही शहर का विकास हो जायेगा.
यह बात जान लें कि सड़क कितनी भी चौड़ी क्यों न हो जाये, एक न एक दिन वाहनों के दबाव से वह कराहने लगेगी. इसलिए हमें ऐसी नीति बनानी होगी कि लोग निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें. इसके लिए हमें सड़कों पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए लेन बनाना होगा. इसके बाद हमें साइकिल चलाने वाले लोगों को व्यवस्था दिलानी होगी. आज जिन देशों खास कर यूरोप के विकास की हम चर्चा करते हैं, उन सारे शहरों में साइकिल चलानेवाले लोगों के लिए डेडिकेटेड लेन का निर्माण किया गया है.
यहां साइकिल के अलावा दूसरा कोई वाहन इन लेनों पर चल ही नहीं सकता है. क्या ऐसी व्यवस्था की कल्पना हम रांची में कर सकते हैं. इसके अलावा सरकार से हमारी मांग है कि वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त कराये. ऐसी व्यवस्था बनायी जाये कि लोग निजी वाहनों का उपयोग खुद से करना बंद कर दें. जब इन चीजों को धरातल पर उतार लिया जायेगा, तो शहर के सड़कों से खुद-ब-खुद वाहनों का दबाव कम हो जायेगा.
राजेश दास, झारखंड सिविल सोसाइटी

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