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रांची : प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों का बनेगा बायोमेट्रिक अटेंडेंस

रांची : राज्य के जिन संस्थानों में बीएड, एमएड और डीएलएड जैसे शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहेे हैं, वहां बायोमेट्रिक सिस्टम लगाना होगा. यह निर्देश नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीइ) ने दिया है. कहा गया है कि प्रशिक्षणरत शिक्षकों (विद्यार्थियों) की भी प्रति माह हाजिरी बने अौर वह कॉलेज की वेबसाइट पर जारी […]

रांची : राज्य के जिन संस्थानों में बीएड, एमएड और डीएलएड जैसे शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहेे हैं, वहां बायोमेट्रिक सिस्टम लगाना होगा. यह निर्देश नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीइ) ने दिया है. कहा गया है कि प्रशिक्षणरत शिक्षकों (विद्यार्थियों) की भी प्रति माह हाजिरी बने अौर वह कॉलेज की वेबसाइट पर जारी होे. कॉलेजों में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने की प्रक्रिया 30 अगस्त तक पूरी कर लेनी होगी. इससे वैसे शिक्षकों को चिह्नित करने में आसानी होगी, जो नियमित और बेहतर प्रशिक्षण ले रहे हैं. इससे कुछ हद तक शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम में होनेवाली गड़बड़ी पर भी लगाम लगेगा. इसका देशभर के टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को पालन करना होगा.
निजी संस्थानों पर रखी जायेगी नजर
एनसीटीइ का मानना है कि निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान नियमित छात्रों के अलावा कई विद्यार्थियों को डिग्री देने का काम करती हैं. ऐसे में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम होने से इन गड़बड़ियों को पकड़ा जायेगा. साथ ही निर्देश का पालन नहीं करनेवाले या प्रशिक्षणरत विद्यार्थियों का डाटा उपलब्ध नहीं करानेवाले संस्थानों की मान्यता भी रद्द कर दी जायेगी.
निजी संस्थान करते हैं गड़बड़ी : झारखंड में 100 से अधिक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं. इनमें बीएड, एमएड, डीएलएड, डीपीएड, बीपीएड, डीपीएसइ, तीन वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड व चार वर्षीय बीए, बीएससी बीएड जैसे कोर्स संचालित किये जा रहे हैं. कोर्स करानेवालों में निजी संस्थानों की संख्या ज्यादा है. विशेषज्ञों का कहना है कि निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में विद्यार्थियों को बिना रेगुलर क्लास किये डिग्री दे दी जाती है और इसका असर उनकी बहाली के दौरान दिखता है.
राज्य में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या
कोर्स संस्थान
बीएड 137
एमएड 14
बीपीएड 04
डीपीएसइ 01
डीएलएड 100
डीपीएड 01
तीन वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड 01
चार वर्षीय बीए, बीएससी
बीएड कोर्स 03

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