फैसला 23 जुलाई तक के लिए सुरक्षित
रांची : महिला फास्ट ट्रैक कोर्ट रीता मिश्र की अदालत में सोमवार को अमरजीत एवं अजीत की डिस्चार्ज पिटीशन पर बहस हुई. दोनों फिलहाल प्रीति मामले में जेल में बंद हैं. बहस के बाद अदालत ने फैसला 23 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया.
सोमवार को बहस के दौरान अदालत ने सीआइडी द्वारा प्रस्तुत केस डायरी पर लोक अभियोजक से तत्काल निदरेष शब्द का अर्थ पूछा. लोक अभियोजक बीएन शर्मा ने कहा कि प्रीति कुमारी के मामले में जांच पूरी हो चुकी है.
युवकों के खिलाफ कोई साक्ष्य है. फिलहाल सीआइडी की जांच बुंडू में मिले अज्ञात शव के बारे में चल रही है. मामले में अमरजीत व अजीत की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुनील पांडे ने अदालत में प्रीति कुमारी के 164 के तहत दिये बयान की सर्टिफाइड कॉपी भी जमा की. उन्होंने कहा कि जिस युवती की हत्या के आरोप में निदरेष युवक जेल में बंद हैं, वह युवती जिंदा है. अपने बयान में युवती ने अपने साथ युवकों द्वारा दुष्कर्म की घटना से भी इनकार किया है. इस आधार पर युवकों पर हत्या व गैंगरेप का आरोप निराधार है.