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रांची :एनीडेस्क ऐप के जरिये ठगी करनेवाले दो अंतरराज्यीय साइबर अपराधी गिरफ्तार

20 पेटीमए कार्ड, 20 सिम व 15 हजार रुपये बरामद गिरोह के सरगना समेत अन्य सदस्य फरार हैं रांची : रांची पुलिस और साइबर सेल ने एनीडेस्क एेप के जरिये ठगी करने वाले दो अंतरराज्यीय साइबर अपराधी उज्ज्वल उर्फ विवेक कुमार मंडल व आमिर खुसरो को गिरफ्तार किया है़ उज्ज्वल जामताड़ा के फतेहपुर व आमिर […]

20 पेटीमए कार्ड, 20 सिम व 15 हजार रुपये बरामद
गिरोह के सरगना समेत अन्य सदस्य फरार हैं
रांची : रांची पुलिस और साइबर सेल ने एनीडेस्क एेप के जरिये ठगी करने वाले दो अंतरराज्यीय साइबर अपराधी उज्ज्वल उर्फ विवेक कुमार मंडल व आमिर खुसरो को गिरफ्तार किया है़ उज्ज्वल जामताड़ा के फतेहपुर व आमिर देवघर के पालाजोरी थाना क्षेत्र के बांधडीह के निवासी हैं.
वहीं गिरोह के सरगना कोलकाता निवासी सुशांतो दास के अलावा अन्य सदस्य शमीम अंसारी, फरीद अंसारी व वसीम अंसारी (तीनों देवघर निवासी) फरार हैं. गिरफ्तार दोनों अपराधियों के पास से विभिन्न लोगों के नाम से निर्गत 20 पेटीमए कार्ड, 20 सिम व 15 हजार रुपये बरामद हुए हैं. यह जानकारी एसएसपी अनीश गुप्ता ने बुधवार को पत्रकारों को दी़
गौरतलब है कि चार जून को कांके रोड के सत्या इनक्लेव निवासी सत्येंद्र किशोर के 25 हजार रुपये साइबर अपराधियों ने एनीडेस्क एेप के माध्यम से निकाल लिये थे. नौ जून को उन्होंने इस संबंध में गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी़ इधर, गिरफ्तार अपराधी उज्ज्वल ने बताया कि उसने पेटीएम कार्ड व सिम का कॉम्बो 6000 में आमिर खुसरो से खरीदता था और उसे आठ-आठ हजार में बेचता था़
इस कार्ड से विभिन्न तरह की खरीदारी कर सकते हैै़ं यह कार्ड एटीएम कार्ड की तरह होता है़ इसका इस्तेमाल बैंक अकाउंट से जुड़े मोबाइल के माध्यम से कोर्ड को स्कैन करने के बाद किया जाता है.
पेटीएम व सिम कंपनी के कर्मचारी की मिलीभगत : एसएसपी ने बताया कि इस ठगी में पेटीएम व सिम कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत भी है. पुलिस कोलकाता जाकर कर्मचारियों से पूछताछ करेगी और शक होने पर उन्हें गिरफ्तार करेगी़ इसको लेकर एसआइटी का गठन किया गया है.
ऐसे करते हैं ठगी : साइबर अपराधी स्वयं को बैंक अधिकारी बता कर केवाइसी तथा आधार कार्ड अपडेट व एटीएम कार्ड एक्टिवेट कराने के नाम पर ग्राहकों को एनीडेस्क एेप को गूगल प्ले स्टोर से डाउन लोड कराते है़ं
इसके माध्यम से बैंक द्वारा भेजे जाने वाले सभी ओटीपी को देख लेते है़ं इससे साइबर अपराधी को ओटीपी पूछने की जरूरत नहीं पड़ती. क्योंकि, एनीडेस्क एेप एक रिमोट कंट्रोल एप्लीकेशन है़ इस एेप से साइबर अपराध बढ़ने के कारण आरबीआइ ने भी जनवरी 2019 में एक एडवाइजरी जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि एनीडेस्क एेप को कोई भी उपभोक्ता किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन करने पर अपने फोन पर इंस्टॉल न करे़ं

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