राय-बुढ़मू मार्ग पर बुढ़मू के पास इस तरह हुआ पैसे का दुरुपयोग
पिपरवार : राय-बुढ़मू मार्ग पर बुढ़मू के समीप बना पुल सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग की दास्तां बयां कर रहा है. सड़क के अभाव में ग्रामीण अब इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.
नतीजा ग्रामीणों के लिए यह पुल बेकार साबित हो रहा है. बुढ़मू से करीब दो किमी उत्तर बुढ़मू-मक्का मुख्य मार्ग से हट कर मक्का निवासी विनोद साव की रैयती जमीन पर इस पुल का निर्माण कराया गया है. एनआरइपी-वन (रांची) द्वारा तीन साल पूर्व 1़ 65 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण कराया गया है. इसकी हालत अभी ऐसी है कि सावन माह में भी पुल के नीचे पानी नहीं है. पुल के नीचे धान के बिचड़े लगे हैं. जिस जगह पर पुल का निर्माण कराया गया है, वहां आने-जाने के लिए कोई सड़क नहीं है.
आवागमन के नाम पर एक पगडंडी है. अब ग्रामीण इस बात को लेकर परेशान हैं कि जब उस पुल को जोड़ने के लिए कोई रास्ता ही नहीं है, तो पुल बनाने का औचित्य क्या है. इस संबंध में बुढ़मू व मक्का के ग्रामीणों का कहना है कि दरअसल राय-बुढ़मू मार्ग पर बुढ़मू नदी पर पुल बनना था, क्योंकि बुढ़मू नदी में हमेशा पानी रहता है. बारिश में आवागमन में परेशानी होती है, लेकिन पुल खेत में बना दिया गया. हालांकि पुल निर्माण के समय ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया था, लेकिन दलाल किस्म के कुछ लोगों ने ग्रामीणों को दिग्भ्रमित कर दिया. इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता दशरथ यादव ने बताया कि पुल का निर्माण नियम विरुद्घ कराया गया है. इसके लिए ओपन टेंडर कीबजाय टेबुल टेंडर की प्रक्रिया अपनायी गयी.