कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की कार्रवाई
रांची : झारखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड में अवैध नियुक्ति, वित्तीय अनियमितता, गबन, भ्रष्टाचार सहित कई अन्य आरोपों में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने उप निबंधक जयदेव प्रसाद सिंह सहित दो अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन पर विभागीय कार्यवाही भी चलायी जायेगी. निबंधक सहयोग समितियां की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी की रिपोर्ट के अाधार पर मुख्यमंत्री ने निलंबन की अनुमति दी थी.
जयदेव प्रसाद सिंह झारखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड में जीएम थे. उन पर रांची में वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप है. जांच के बाद देवघर-जामताड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, देवघर में एमडी रामकुमार प्रसाद को भी सस्पेंड कर दिया गया है. इन पर देवघर में पदस्थापन के दौरान अनियमित ऋण वितरण का आरोप है. जांच रिपोर्ट के अाधार पर विभाग ने चाईबासा के जिला सहकारिता पदाधिकारी लाल मनोज नाथ शाहदेव को भी निलंबित कर दिया है. श्री शाहदेव बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय, चाईबासा में पदस्थापित थे.
सात कर्मियों-अफसरों पर एफआइआर का आदेश : जांच रिपोर्ट के आलोक में ही विभाग ने सात अन्य कर्मियों और अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
वैसे कर्मी जो फिलहाल कार्यरत हैं, उनको निलंबित कर दिया गया है. विभाग ने तत्कालीन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ब्रजेश्वर नाथ, परियोजना प्रबंधक परिशेष पाठक, चाईबासा स्थित गुमला-सिमडेगा सहकारी बैंक लिमिटेड के रामवृक्ष प्रसाद व शाखा प्रबंधक मनोज गुप्ता और सरायकेला स्थित बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील कुमार सत्पथी, सहायक मदन लाल प्रजापति व एकाउंटेंट सेवाइया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
बैंक से सेवा वापस : सरकार ने वैसे सभी सहकारिता पदाधिकारियों की सेवा वापस ले ली है, जिनकी प्रतिनियुक्ति सहकारी बैंक में हैं, वे अपने मूल पद पर चले जायेंगे और जिनकी सेवा बैंक में हैं, वैसे अफसर निबंधक सहयोग समितियां के यहां योगदान देंगे. उन्हें आठ जुलाई तक आदेश का पालन करने को कहा गया है.
महाप्रबंधक ने पकड़ी थीं कई गड़बड़ियां
बैंक के वर्तमान महाप्रबंधक सुशील कुमार ने सहकारी बैंक का पदभार का संभालने के बाद कामकाज के दौरान गड़बड़ी के कई मामले पकड़े थे. उन्होंने इसकी शिकायत निबंधक सहयोग समितियां से की थी. साथ ही बैंक में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की आशंका जताते हुए जांच कराने का अनुरोध किया था.
इस आग्रह पर सरकार ने निबंधक की अध्यक्षता में जांच समिति बनायी थी. समिति ने जांच के दौरान निर्माण के नाम पर गड़बड़ी, सामग्रियों की खरीद में अनियमितता के अलावा, फरजी बैंक खाते से लोन देने का मामला पकड़ा था. बैंक में हुई इन गड़बड़ियों पर समिति ने निगरानी जांच की अनुशंसा की थी. विस्तृत जांच के बाद इस मामले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा हुई थी. जिसे विभागीय मंत्री ने कराने से इनकार कर दिया था.
विभागीय कार्यवाही भी चलेगी
जो निलंबित हुए
रामकुमार प्रसाद (एमडी, देवघर)
जयदेव प्रसाद सिंह (उप निबंधक)
लाल मनोज नाथ शाहदेव (डीसीओ, चाईबासा)
इन पर होगी एफआइआर
ब्रजेश्वर नाथ, परिशेष पाठक, रामवृक्ष प्रसाद, मनोज गुप्ता, सुनील कुमार सत्पथी, मदन लाल प्रजापति और एकाउंटेंट सेवाइया