12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संविधान में बदलाव जरूरी : यशवंत

रांची: व्यवस्था परिवर्तन के लिए शुरू हुआ जेपी आंदोलन कालांतर में बिखर गया. संपूर्ण क्रांति के सिपाही आज भ्रष्टाचार के सिपाही बन गये. सरकार बदली, पर व्यवस्था परिवर्तन नहीं हो पाया. इस मुद्दे पर हमें अपने अंदर झांकने की आवश्यकता है. राजनीति को कोसें या राजनेताओं को, पर जब तक संविधान में आमूल-चूल परिवर्तन नहीं […]

रांची: व्यवस्था परिवर्तन के लिए शुरू हुआ जेपी आंदोलन कालांतर में बिखर गया. संपूर्ण क्रांति के सिपाही आज भ्रष्टाचार के सिपाही बन गये. सरकार बदली, पर व्यवस्था परिवर्तन नहीं हो पाया. इस मुद्दे पर हमें अपने अंदर झांकने की आवश्यकता है. राजनीति को कोसें या राजनेताओं को, पर जब तक संविधान में आमूल-चूल परिवर्तन नहीं किया जायेगा, तब तक व्यवस्था परिवर्तन संभव नहीं होगा. उक्त बातें पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व भाजपा सांसद यशवंत सिन्हा ने कही.

श्री सिन्हा बुधवार को झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स भवन के सभागार में भ्रष्टाचार और प्रदूषण के विरुद्ध आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन जेपी विचार मंच व दामोदर बचाओ आंदोलन ने किया था.

श्री सिन्हा ने 1974 के जेपी आंदोलन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने काफी करीब से आंदोलन को देखा व समझा है. वह उस वक्त नौकरी में थे. आज जितना भी अन्याय, भ्रष्टाचार, ज्यादती, अत्याचार, शोषण या दुराचार होता है, उसे लोग सहज रूप से लेते हैं.

झारखंड में भ्रष्टाचार होता रहा, लेकिन कोई क्रांति नहीं हुई. समाज में जब तक जागरण नहीं होगा, सरकार पर अंकुश नहीं लगेगा. श्री सिन्हा ने लोगों से आह्वान किया कि वे मंच बनायें. समूह के रूप में एकत्रित हों और नैतिक मूल्यों पर आधारित निगरानी रखने के उद्देश्य को लेकर काम करें. इस मंच में वैसे लोगों को शामिल करें, जिन्हें अपने लिए कभी कुछ नहीं चाहिए. श्री सिन्हा ने इस मंच में स्वयं शामिल होने की इच्छा भी जतायी.

जेपी विचार मंच के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार मल्लिक ने कहा कि आज ही के दिन लोकनायक जयप्रकाश ने संपूर्ण क्रांति की घोषणा की थी, ताकि व्यवस्था में परिवर्तन हो सके. 1974 चेतना मंच के सह संयोजक प्रमोद मिश्र ने कहा कि झारखंड में कई कोल कंपनियां नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं. सुनील सिंह ने कहा कि राजनीति को धर्म के अनुसार अनुकूल बनाया जाना चाहिए, ताकि नैतिक मूल्यों की गिरावट को रोका जा सके.

कमल भगत ने संताल परगना क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां का जल-वायु प्रदूषण से मुक्त था, लेकिन उस क्षेत्र में जिस तरह से उद्योग-धंधे खुल रहे हैं, उससे प्रदूषण की मात्र बढ़ने लगी है. सम्मेलन में प्रेम मित्तल, वीके नारायण, प्रदीप कौशिक सहित कई वक्ताओं ने विचार रखे. मौके पर सिटीजन फाउंडेशन के गणोश रेड्डी, ओम सिंह, संजय सेठ, चितरंजन कुमार, बिपिन कुमार सिंह, बलविंदर सिंह सेट्ठी, सुनील पांडेय, देवीदयाल मुंडा, डॉ राजकुमार, श्याम अग्रवाल, डॉ रवि भट्ट सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें