रांची : लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास की मेहनत रंग लायी है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एनडीए ने 12 सीटें लाकर अपनी साख बचायी. पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. संताल परगना को फोकस कर मुख्यमंत्री लगातार कैंपेन कर रहे थे. इसमें सफलता भी मिली है. राज्य गठन के बाद पहली बार शिबू सोरेन का किला ध्वस्त हुआ.
भाजपा के सुनील सोरेन ने आठ बार सांसद रहे झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को पराजित किया. संताल की तीन सीटों में से दो भाजपा की झोली में आयी है. वहीं, झामुमो दो सीट से घट कर एक सीट पर पहुंच गया है. मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. 10 अप्रैल को लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद मुख्यमंत्री जोर शोर से प्रचार में जुट गये. इन्होंने संताल परगना को फोकस कर चुनावी रणनीति बनायी.
0 मई को झारखंड में तीसरे चरण का चुनाव समाप्त होने के बाद एक सप्ताह तक संताल में कैंप किया. चुनावी सभा के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उनका हौसला बढ़ाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने झामुमो व शिबू सोरेन को निशाना बनाया. चुनाव घोषित होने के 37 दिनों के अंदर ने मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के दौरान 132 चुनावी सभाएं व बैठक की. इन्होंने झारखंड में 79 और राज्य के बाहर 11 चुनावी सभाएं की.
ओड़िशा में पांच, छत्तीसगढ़ व बिहार में तीन-तीन चुनावी सभाएं की. इसके अलावा प्रदेश कार्यालय में 15 और अन्य जिलों में पांच बैठकें की. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चार व अमित शाह के साथ तीन चुनावी सभाएं में शामिल हुए. वहीं पांच रोड शो और पांच विजय संकल्प सभाओं में शामिल हुए. इसके साथ-साथ एनडीए के सभी प्रत्याशियों के नामांकन में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी.