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रांची : निदेशक प्रमुख ने सभी सिविल सर्जनों से मांगी
ब्लड बैंक और यूनिट के उपकरणों की रिपोर्ट रांची : मरीजों को सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण रक्त उपलब्ध कराने के लिए ब्लड बैंक व यूनिट को सुदृढ़ किया जाना है. इसे लेकर निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य ने सभी सिविल सर्जनों सहित जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा फर्स्ट रेफरल यूनिट के प्रभारी चिकित्सकों को पत्र लिखकर पूछा है कि […]
ब्लड बैंक और यूनिट के उपकरणों की रिपोर्ट
रांची : मरीजों को सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण रक्त उपलब्ध कराने के लिए ब्लड बैंक व यूनिट को सुदृढ़ किया जाना है. इसे लेकर निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य ने सभी सिविल सर्जनों सहित जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा फर्स्ट रेफरल यूनिट के प्रभारी चिकित्सकों को पत्र लिखकर पूछा है कि यदि उनके जिले के ब्लड बैंक या ब्लड यूनिट के उपकरण खराब है, तो बतायें.
उपकरणों संबंधी जानकारी एक तय फॉरमेट में मांगी गयी है. दरअसल, भारत सरकार के मापदंडों के अनुसार सभी जिलों में ब्लड बैंक तथा एफआरयू में ब्लड यूनिट का संचालन होना अनिवार्य है. कई जिलों में ब्लड बैंक का भवन नहीं था. इसके बाद विभाग ने राज्य के उन आठ जिलों में ब्लड बैंक बनाने की योजना बनायी थी, जहां बैंक नहीं थे.
इनमें रांची, जमशेदपुर, जामताड़ा, सरायकेला, गोड्डा, खूंटी, रामगढ़ व बोकारो जिले शामिल थे. पर विभाग के इंजीनियरिंग सेल ने पहले पांच को छोड़ उन तीन जिलों में भी ब्लड बैंक का नया भवन बना दिया, जहां पहले से बैंक कार्यरत था. गुमला, लोहरदगा व चाईबासा में औसतन 60-60 लाख रुपये की लागत से ये भवन बनाये गये हैं.
जबकि, यहां पहले से ब्लड बैंक कार्यरत हैं. दरअसल इन्हें खूंटी, रामगढ़ व बोकारो में बनाना चाहिए था. अब उक्त तीनों जिलों में ब्लड बैंक के लिए सदर अस्पताल या अन्य सरकारी भवनों में ही ब्लड बैंक के लिए जगह तलाशी गयी है.
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