रांची: समाज कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को महिला आयोग की तरह दर्जा दिलाने की बात कही है. उन्होंने कहा है आयोग को अधिकार दिये जाने से इसे और सशक्त किया जा सकता है. उन्होंने आयोग के रिक्त पदों को भरने के लिए नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने की सिफारिश भी की.
समाज कल्याण मंत्री सोमवार को राज्य अतिथिगृह में समीक्षा कर रही थीं. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी केद्रों को साइकिल उपलब्ध करायी जायेगी. मौके पर मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती ने कहा कि विभाग को होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट में हो रहे बाल श्रम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
उन्होंने मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों की पढ़ाई पर जोर दिया. उन्होंने केंद्र की संचालिका को सामग्रियों की लिखित सूची बनाने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्रों पर चल रहे प्री स्कूल प्रशिक्षण का प्रचार जरूरी है. उन्होंने कुपोषण की स्थिति में सुधार लाने की बात कही. विभागीय सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग की तरफ से जागरूकता कार्यक्रम चलाना चाहिए. सभी स्कूलों में शिकायत प्रकोष्ठ भी बनना चाहिए.