प्रणव
रांची : पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ सीसीएल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सीसीएल ने आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट में 1.63 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए साव सहित 23 लोगों पर दावा ठोका है.
कंपनी की ओर से कहा गया है कि 11 जून 2015 को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने 13 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन पर 368 लोगों के हस्ताक्षर थे. इसमें चेतावनी दी गयी थी कि मांगें पूरी नहीं होने पर मगध व आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट का उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग बंद करा दिया जायेगा. इसके बाद मांगों पर बातचीत के लिए आम्रपाली प्रबंधन ने पत्र भेजकर योगेंद्र साव से आग्रह किया. लेकिन वे बातचीत के लिए नहीं आये.
वहीं इसके बाद आम्रपाली प्रोजेक्ट में तोड़फोड़ हुई और उत्पादन व ट्रांसपोर्टिंग ठप करा दिया गया. इससे कोयले की सप्लाई नहीं की जा सकी. इस वजह से सीसीएल को उक्त कंपनियों को पेनाल्टी देनी पड़ी. कंपनी में तोड़फोड़ व पेनाल्टी के कारण आम्रपाली प्रबंधन को 1.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, इसलिए उक्त रकम घटना के दिन से 12% ब्याज के साथ वसूली का आदेश दिया जाये. इस संबंध में कोर्ट द्वारा योगेंद्र साव सहित 23 लोगों को नोटिस दिया गया. सीसीएल की ओर से आम्रपाली के जीएम, प्रोजेक्ट आॅफिसर और मैनेजर ने चतरा कोर्ट में आवेदन दिया है.
इन लोगों को दिया गया नोटिस
योगेंद्र साव, महेश प्रसाद, आशुतोष मिश्रा, बिनोद बिहारी पासवान, संजय साव, राजेंद्र यादव, लाल किशुन यादव, धर्मनाथ साव, धीरेंद्र प्रजापति, प्रवीण मिश्रा, रंजन नारायण दास, कुंदन, राजेंद्र साव, देव नारायण साव, सुरेश साव, मुकेश ठाकुर, प्रेम उरांव, भुवनेश्वर साव, जीरवा देवी, जमनी देवी, सुनीता देवी और सुशीला देवी.