- विरोधियों से निपटने में रास्ता काट रहे हैं अपने दल और गठबंधन के साथी
- यूपीए के कांग्रेस, झामुमो, झाविमो ने दिल्ली में दिल मिलाया, अब चुनावी जमीन में साथ निभाने की चुनौती
- यूपीए-एनडीए में टिकट की दौड़ में पिछड़े दावेदारों को साधना होगा
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टिकट मिला, पर अब भी दिल्ली दूर अपने लोग ही कर रहे हैं सेंधमारी
विरोधियों से निपटने में रास्ता काट रहे हैं अपने दल और गठबंधन के साथी यूपीए के कांग्रेस, झामुमो, झाविमो ने दिल्ली में दिल मिलाया, अब चुनावी जमीन में साथ निभाने की चुनौती यूपीए-एनडीए में टिकट की दौड़ में पिछड़े दावेदारों को साधना होगा आनंद मोहन रांची : झारखंड में लोकसभा के चुनावी जंग की तसवीर […]
आनंद मोहन
रांची : झारखंड में लोकसभा के चुनावी जंग की तसवीर धीरे-धीरे साफ हो रही है़ यूपीए-एनडीए ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है़ ये सूरमा दोनों पक्ष से मैदान मेें डटेंगे़ यूपीए-एनडीए के बीच घमसान तय है़ लेकिन दोनों ही तरफ प्रत्याशियों के दिल्ली जाने का रास्ते पर अपने भी रोड़ा बिछा रहे है़ं प्रत्याशियों के लिए अपने घर के अंदर की सेंधमारी रोकना भी चुनौती होगी़ संतालपरगना में यूपीए की ओर से दुमका और राजमहल में झामुमो मोरचा संभाल रहा है़
वहीं गोड्डा सीट पर झाविमो है़ दुमका से झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन हैं, वहीं राजमहल से विजय हांसदा दमखम दिखायेंगे़ झाविमो ने गोड्डा में प्रदीप यादव पर भरोसा जताया है़ झामुमो का चुनावी कमान संभाल रहे हेमंत सोरेन के सामने अपने घर को दुरुस्त रखने की चुनौती भी है़ राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पार्टी पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम भी टिकट का दावेदार थे़
लोबिन की नाराजगी दूर करनी होगी़ लोबिन राजमहल में अपनों के लिए ही संकट बन सकते है़ं पाकुड़ से विधायक रहे अकिल अख्तर भी महागठबंधन के स्वरूप से इधर-उधर कर रहे है़ं पाकुड़ से फिलहाल आलमगीर आलम विधायक है़ं यह सीट आनेवाले विधानसभा में कांग्रेस के पास होगी़
ऐसे में पूर्व विधायक अकिल अख्तर इस चुनाव में कितना जुटेंगे, इसका अनुमान लगाना होगा़ वहीं लिट्टीपाड़ा से वर्तमान विधायक साइमन मरांडी भी बहुत सक्रिय नहीं है़ं
उधर एनडीए में गोड्डा सीट पर खड़े निशिकांत दुबे भी राज्य सरकार के मंत्री राज पलिवार व उनके परिवार की भूमिका पर सवाल उठा रहे है़ं निशिकांत ने फेसबुक पर अपनी बात भी लिखी है़ मंत्री राज पलिवार पर प्रदीप यादव के नजदीकी होने का आरोप लग रहा है़ इधर महागठबंधन में घटक दलों के बीच भी दूरी पाटने की जरूरत होगी़
दिल्ली में कांग्रेस, झाविमो और झामुमो ने दिल मिला लिया, अब चुनावी मैदान में साथ निभाने की चुनौती है. कोल्हान में सिंहभूम सीट से कांग्रेस की गीता कोड़ा मैदान में है़ इस क्षेत्र से झामुमो के पांच विधायक है़ं गीता कोड़ा की लड़ाई में इनकी भूमिका होगी़ इस सीट पर झामुमो के कैडरों के भरोसे ही कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है. झामुमो विधायक शशि भूषण सामड़ खुलेआम गीता कोड़ा द्वारा चुनाव में पैसे खर्च करने की बात कह रहे है़ं इधर लोहरदगा में भी कांग्रेस के प्रत्याशी सुखदेव भगत के लिए झामुमो के विधायक चमरा लिंडा चुनौती है़ं
चमरा लिंडा को चुनाव से दूर रखने की जिम्मेवार झामुमो की होगी़ चतरा और कोडरमा में फिलहाल भाजपा के नेता-कार्यकर्ता वेट एंड वाच के मूड में है़ं सीटिंग सांसदों का खूंटा हिला, तो वहां दूसरे प्रत्याशियों के लिए अपने ही खलबली मचा सकते है़ं झारखंड के चुनावी फिजा में घुले रंग से साफ है कि यूपीए और एनडीए में प्रत्याशियों को अपना घर दुरुस्त करना होगा़
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