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ट्रैफिक : सुजाता चौक पर सबसे ज्यादा दबाव, रोजाना 32 हजार से 47 हजार गाड़ियां गुजरती हैं यहां से

अमन तिवारी, रांची : ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग की नेतृत्व वाली टीम ने राजधानी रांची के विभिन्न चौक-चौराहों पर वाहनों के दबाव से संबंधित दो माह का आंकड़ा तैयार किया है. इसमें एक से 28 फरवरी और एक से 31 जनवरी तक का आंकड़ा शामिल है. आंकड़े बताते हैं कि फरवरी में वाहनों का […]

अमन तिवारी, रांची : ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग की नेतृत्व वाली टीम ने राजधानी रांची के विभिन्न चौक-चौराहों पर वाहनों के दबाव से संबंधित दो माह का आंकड़ा तैयार किया है. इसमें एक से 28 फरवरी और एक से 31 जनवरी तक का आंकड़ा शामिल है. आंकड़े बताते हैं कि फरवरी में वाहनों का सबसे अधिक बोझ सुजाता चौक पर रहा था.

इस एक माह में 13 लाख 31 हजार 850 गाड़ियां (औसतन एक दिन में इस चौक से 47 हजार 566 गाड़ियां) सुजाता चौक से गुजरीं. हालांकि, जनवरी में यहां वाहनों का दबाव थोड़ा कम था. जनवरी में रोजाना औसतन यहां से 32 हजार 214 से ज्यादा वाहन गुजरे थे.
राजधानी की सड़कों पर वाहनों का भारी दबाव है, जिसकी वजह से शहर के विभिन्न चौक-चौराहे भीषण जाम से जूझ रहे हैं. ऐसे में शहर की यातायात व्यवस्था तभी बेहतर हो सकती है, जब हर शहरवासी सलीके से ट्रैफिक रूल का पालन करे.
रांची ट्रैफिक पुलिस ने ई-चालान व्यवस्था के तहत शहर के 16 चौक-चौराहों पर विशेष कैमरे लगाये हैं, जिनकी मदद से ट्रैफिक रूल तोड़नेवालों को चिह्नित कर उनका चालान काटा जा रहा है.
इन्हीं विशेष कैमरों की मदद से विभिन्न चौक-चौराहों पर वाहनों के दबाव का भी आकलन किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था लागू की जा सके. इससे वाहन चालकों को ट्रैफिक सिग्नल पर ज्यादा देर तक नहीं रुकना पड़ेगा.
आंकड़े बताते हैं कि फरवरी माह में रोजाना लालपुर चौक पर 38 हजार ज्यादा, हीनू चौक पर 35 हजार से ज्यादा और सर्जना चौक पर 32 हजार से ज्यादा वाहनों का दबाव रहा.
वहीं, जनवरी वाहनों का सबसे अधिक दबाव कचहरी चौक पर रहा था. जनवरी में कचहरी चौक से 1201948 गाड़ियां (औसतन रोजाना 38 हजार से ज्यादा गाड़ियां) गुजरी थीं.
जबकि, यह आंकड़ा फरवरी माह में घटा गया. वाहनों के दबाव मामले में जनवरी माह में हीनू चौक दूसरे, लालपुर चौक तीसरे, कचहरी चौक चौथे और रातू रोड न्यू मार्केट चौक का पांचवें नंबर पर रहा था. उक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि जिन इलाके में व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सरकारी संस्थान ज्यादा होते हैं, उस रूट पर वाहनों का दबाव भी ज्यादा होता है.
वाहनों के अत्यधिक दबाव वाली जगह में हीनू, लालपुर, कचहरी, रातू रोड न्यू मार्केट और सर्जना चौक भी शामिल
यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रयासरत है रांची की ट्रैफिक पुलिस, लागू हो चुका है ई-चालन सिस्टम
अब वाहनों के अत्यधिक दबाव वाले चौक-चौराहों पर ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाने की चल रही है तैयारी
रोजाना बढ़ रही वाहनों की संख्या
राजधानी में नये वाहनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. जबकि, न तो सड़कें चौड़ी हुई हैं और न ही नयी पार्किंग डेवलप नहीं की जा रही है.
ऐसे में आये दिन लोगों को जाम में फंसना पड़ता है. वहीं, वाहनों के दबाव के कारण ट्रैफिक सिग्नल पर अक्सर ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि एक बार में वाहन चालक सिग्नल क्रॉस नहीं कर पाते हैं.
ऐसे में वाहन चालकों को दूसरी बार सिग्नल के ग्रीन होने का इंतजार करना पड़ता है. जिन चौक-चौराहों पर वाहनों का दबाव अधिक है, वहां अमूमन ऐसी स्थित होती है. कुछ चौक-चौराहों पर लेफ्ट टर्न का फ्री नहीं होना भी कई चौक-चौराहों पर जाम की वजह बन रहा है.

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