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रांची : सरावगी बंधुओं की जालसाजी की रिपोर्ट आरबीआइ को भेजी गयी

शकील अख्तर रांची : बैंक ऑफ इंडिया ने सरावगी बंधुओं द्वारा फर्जी दस्तावेज के सहारे बैंक के साथ की गयी धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भेजी है. रिपोर्ट में मेसर्स सनबीम डीलर्स, श्रीराम कॉम ट्रेड और मेसर्स ग्लोबल ट्रेडर्स द्वारा की गयी जालसाजी का उल्लेख किया गया है. यह भी […]

शकील अख्तर

रांची : बैंक ऑफ इंडिया ने सरावगी बंधुओं द्वारा फर्जी दस्तावेज के सहारे बैंक के साथ की गयी धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भेजी है. रिपोर्ट में मेसर्स सनबीम डीलर्स, श्रीराम कॉम ट्रेड और मेसर्स ग्लोबल ट्रेडर्स द्वारा की गयी जालसाजी का उल्लेख किया गया है. यह भी कहा गया है कि कंपनी के किसी ऑडिटर ने किसी तरह की गड़बड़ी का उल्लेख नहीं किया था. इन कंपनियों द्वारा की गयी धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला फाॅरेंसिक ऑडिट के दौरान पता चला.

आरबीआइ को भेजी गयी रिपोर्ट में मेसर्स सनबीम ट्रेडर्स का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि अमित सरावगी और स्वाति सरावगी कंपनी के निदेशक हैं.

कंपनी के लिए कर्ज की सीमा बढ़ा कर 10 करोड़ करने पर कुछ नये गारंटर दिये गये. इसमें मेसर्स बाहुबली रियल बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड, राजू गोपाल दत्ता और दीनबंधु गोपाल दत्ता का नाम शामिल है. सनबीम के निदेशकों की ओर से बाहुबली रियल बिल्ड का नेटवर्थ 50.06 करोड़,गोपाल दत्ता का 3.02 करोड़ और दीनबंधु का नेटवर्थ 5.50 करोड़ रुपये दर्शाया गया. सनबीम में बाहुबली की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत थी. बाद में बाहुबली ने इसे हर्षित अग्रवाल को बेच दी.

सनबीम ने व्यापार दिखाने के लिए फर्जी लेनदेन किये. मार्च 2018 में सनबीम का खाता एनपीए हो गया. फाेरेंसिक ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया की अनुमति के बिना ही दूसरे बैंकों के साथ लेन देन की. कंपनी ने अपना बढ़ा हुआ व्यापार दिखाने के लिए फर्जी खरीद बिक्री का ब्योरा तैयार किया.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भेजी गयी रिपोर्ट में मेसर्स ग्लोबल ट्रेडर्स की चर्चा करते हुए कहा गया है कि सरावगी बंधुओं की इस कंपनी को विकास खेतावत ने 2014 में स्थापित किया था. कंपनी द्वारा कपड़े का व्यापार दिखाया जाता है.

इस कंपनी को पहले तीन करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था. बाद में इसे बढ़ा कर 8.90 करोड़ रुपये कर दिया गया. पहले दिये गये कर्ज के मामले में रमेश कुमार गारंटर थे. उनका नेटवर्थ सिर्फ 6.17 लाख रुपये था. कर्ज की सीमा बढ़ाये जाने पर मृणाल कांति सरदार को नये गारंटर के रूप में पेश किया गया. इस गारंटर का नेटवर्थ छह करोड़ रुपये दिखाया गया. मार्च 2018 में यह कर्ज भी एनपीए हो गया. कंपनी ने दूसरी ऐसी कंपनियों के कपड़ों की खरीद बिक्री दिखायी जो कपड़े के व्यापार में शामिल ही नहीं रही.

कुछ एक वर्ष में अप्रत्याशित ढंग से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ा कर दिखाया. रिपोर्ट में मेसर्स श्रीराम कॉम ट्रेड का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि अभिषेक अग्रवाल उनकी पत्नी पिंकी अग्रवाल इस कंपनी के निदेशक हैं. कंपनी निर्माण सामग्रियों जैसे सीमेंट, स्टील आदि का व्यापार करती है. कंपनी को पहले 4.75 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था. बाद में इसे बढ़ा कर 13.50 करोड़ रुपये कर दिया गया. पहले के कर्ज के लिए अन्नपूर्णा देवी सरावगी, मधु देवी,अमित सरावगी और बद्री केदार उद्योग को गारंटर के रूप में पेश किया गया था.

बाद में बाहुबली रियल बिल्ड सहित अन्य को गारंटर के रूप में पेश किया गया. साथ ही अभिषेक अग्रवाल का नेटवर्थ 2.698 करोड़, मधु देवी का 24 लाख, अमित सरावगी का 4.13 करोड़, पिंकी अग्रवाल का 37 लाख, अन्नपूर्णा देवी का 40 लाख, सरावगी बिल्डर्स का 21.30 करोड़ रुपये नेटवर्थ दिखाया गया. इस कंपनी का अकाउंट भी मार्च 2018 को एनपीए हो गाय. कंपनी ने भी व्यापारिक गतिविधियों का फर्जी आंकड़ा तैयार कर फंड को इधर से उधर किया.

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