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रांची : एसएस मेमोरियल कॉलेज की जमीन की रजिस्ट्री रद्द कराने का प्रस्ताव

रांची : राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची विवि अंतर्गत कॉलेजों में वर्षों से चल रहे जमीन विवाद के निराकरण के लिए गुरुवार को राजभवन में उच्च स्तरीय बैठक बुलायी. इस बैठक में मुख्य रूप से कांके रोड स्थित एसएस मेमोरियल कॉलेज व कोकर स्थित राम लखन सिंह यादव कॉलेज के जमीन विवाद को […]

रांची : राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची विवि अंतर्गत कॉलेजों में वर्षों से चल रहे जमीन विवाद के निराकरण के लिए गुरुवार को राजभवन में उच्च स्तरीय बैठक बुलायी.
इस बैठक में मुख्य रूप से कांके रोड स्थित एसएस मेमोरियल कॉलेज व कोकर स्थित राम लखन सिंह यादव कॉलेज के जमीन विवाद को गंभीरता से लिया गया. रांची विवि की तरफ से राज्यपाल को प्रस्ताव दिया गया कि एसएस मेमोरियल कॉलेज की जमीन की रजिस्ट्री तत्काल रद्द की जाये, क्योंकि वर्षों से संचालित इस कॉलेज की भूमि की रजिस्ट्री किसी अन्य के नाम करा दी गयी है.
बैठक में ऐसे जमीन को सरकारी दर पर खरीद कर विवि/कॉलेज के नाम कराने पर सहमति बनी. इस उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डीके तिवारी, राज्यपाल के प्रधान सचिव सतेंद्र सिंह, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार सचिव केके सोन, भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राजेश शर्मा, रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय आदि उपस्थित थे.
विवि द्वारा प्रस्ताव आने के बाद राज्यपाल ने जमीन विवाद ममला जल्द निबटाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. उन्होंने रांची विवि के कुलपति को निर्देश दिया कि इस मुद्दे पर सकारात्मक पहल की शुरुआत करें, ताकि भविष्य में छात्रों के पठन-पाठन में किसी प्रकार की असुविधा न हो.
इस पर मुख्य सचिव श्री त्रिपाठी ने कहा है कि विवि की जमीन संबंधी जितने भी मुद्दे हैं, विवि उन्हें तत्काल उपलब्ध करायें, ताकि उपायुक्त के साथ होनेवाली वीडियो कांफ्रेंसिंग में इसकी चर्चा कर निराकरण कराया जा सके. बैठक में रांची विवि अंतर्गत रामलखन सिंह यादव कॉलेज के बारे में जानकारी दी गयी कि जमीन विवाद का मामला सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में लंबित है.
इस पर राज्यपाल ने विवि को सरकार के संबंधित विभाग से सहयोग लेकर सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखने का निर्देश दिया. जेएन कॉलेज धुर्वा की समीक्षा के क्रम में रांची विवि के कुलपति से कहा गया कि वे कॉलेज को विकसित करें. पूर्व में ही भवन निर्माण एचइसी द्वारा करा कर दिया गया है. अब यह रांची विवि का अंग है. बीएन जालान कॉलेज, सिसई के संबंध में जानकारी दी गयी कि वहां निर्माण कार्य चल रहा है, कोई व्यवधान नहीं है.
अधिकारियों ने राज्यपाल को बताया कि मझगांव में कॉलेज निर्माण के लिए भूमि आवंटित है. नियमानुसार भवन निर्माण विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया जायेगा. बैठक में भू-राजस्व सचिव ने कहा कि यदि कॉलेज 30 वर्षों से अधिक समय से उक्त भूमि पर संचालित है, तो मालिकाना हक के संदर्भ में कोई संशय नहीं होनी चाहिए.
बैठक में राज्यपाल ने कहा है कि जनजातीय भाषा विभाग में सभी भाषाअों के लिए अलग-अलग विभाग का गठन करें. वहां नौ प्रोफेसर, 18 एसोसिएट प्रोफेसर अौर 18 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद का सृजन होगा. राज्यपाल ने कहा कि रांची विवि की पहचान में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग का अहम योगदान है.
उन्होंने कहा कि जनजातीय भाषा विभाग में प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग विभागाध्यक्ष होने से वे अपने-अपने विषयों पर स्वतंत्र रूप से ध्यान दे सकेंगे. फिलहाल सिर्फ एक ही विभागाध्यक्ष हैं, जो सभी विषयों के लिए हैं.
राज्यपाल ने यह भी कहा है कि जनजातीय भाषाअों यथा कुड़ुख, मुंडारी, हो एवं संताल की भाषाअों की अपनी लिपि होनी चाहिए. इसमें अधिकाधिक शोध करने की आवश्यकता है. बीएड कॉलेजों में छात्राओं की संख्या अधिक है. इसलिए उनके लिए छात्रावास का निर्माण करायें. राज्यपाल ने कहा कि राजभवन के उद्यानों के नाम झारखंड राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखे जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष छह से सात लाख लोग उद्यान देखने आते हैं.
अब उद्यान में स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों के साथ उनकी जीवनी भी अंकित रहेगी, जिससे लोगों को इनसे प्रेरणा मिल सके. राज्यपाल ने नक्षत्र वन में भी स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां लगाने का निर्देश दिया.

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