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रांची : स्वर्णरेखा नदी के जीर्णोद्धार की बन रही योजना, 70 करोड़ खर्च होने का अनुमान

रांची : नाले में तब्दील हो चुकी स्वर्णरेखा नदी का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार किया जायेगा. इस कार्य का डीपीआर बनानेवाली कंपनी ने शुक्रवार को नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह के समक्ष योजना के प्रारूप का प्रेजेंटेशन दिया. गुजरात के अहमदाबाद की परामर्शी कंपनी एचसीपी डिजाइन एंड कंसल्टेंट को हर हाल में 20 फरवरी तक […]

रांची : नाले में तब्दील हो चुकी स्वर्णरेखा नदी का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार किया जायेगा. इस कार्य का डीपीआर बनानेवाली कंपनी ने शुक्रवार को नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह के समक्ष योजना के प्रारूप का प्रेजेंटेशन दिया. गुजरात के अहमदाबाद की परामर्शी कंपनी एचसीपी डिजाइन एंड कंसल्टेंट को हर हाल में 20 फरवरी तक डीपीआर बना देने का निर्देश दिया गया. प्राथमिक स्तर पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने में लगभग 70 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है.

कंपनी द्वारा बताया गया कि 18 किलोमीटर नगरीय क्षेत्र में पड़ने वाली स्वर्णेरखा नदी को प्रदूषण मुक्त किया जायेगा. नदी के मूल स्वरूप में कम से कम परिवर्तन करते हुए जीर्णोद्धार कार्य किया जायेगा.

जीर्णोद्धार के लिए निजी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जायेगा. नदी के किनारे उपलब्ध रास्तों का ही मूल स्वरूप में सुदृढ़ीकरण किया जायेगा. नदी के किनारे पहले से बने घाटों का सौंदर्यीकरण किया जायेगा. जरूरत के मुताबिक ही नये घाट बनाये जायेंगे. कुछ प्रमुख स्थानों पर बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जायेंगी.
मंथन
कंपनी ने नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह के समक्ष दिया नदी के जीर्णोद्धार योजना का प्रस्तुतीकरण
मूल स्वरूप में ही होगा नदी का जीर्णोद्धार, बायो रेमीडियेशन पद्धति से होगा नालों के प्रदूषित जल का शोधन
गिरता है 12 नालों का गंदा पानी
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि स्वर्णरेखा नदी में कुल 12 नालों का गंदा पानी गिरता है. इसमें छह प्राकृतिक और छह विभिन्न संस्थानों के नाले शामिल हैं. फिलहाल, इनमें से चार पर बायो रेमीडियेशन पद्धति (प्राकृतिक पद्धति) के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे. अगले 35 साल की संभावित आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार की जा रही है.
सीमेंट और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश
नगर विकास सचिव ने कंपनी जीर्णोद्धार कार्य में सीमेंट और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया. सचिव सिंह ने नदी में गिरनेवाले सभी नालों के प्रदूषित जल का परिशोधन बायो रेमीडियेशन सिस्टम से करने के निर्देश दिये. कहा कि आवश्यक होने पर ही यांत्रिक विधि का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाये.
प्रेजेंटेशन में ये लोग थे मौजूद
प्रस्तुतीकरण के दौरान नगर निगम रांची के नगर आयुक्त मनोज कुमार, जुडको के परियोजना निदेशक तकनीकी सुधीर कुमार साहू , नगर निगम के अधीक्षण अभियंता विजय कुमार भगत, जुडको के परियोजना प्रबंधक डेविड कुजूर, उप परियोजना प्रबंधक प्रभजोत सिंह, राहुल कुमार सिंह व धनंजय कुमार उपस्थित थे.

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