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रांची : विधानसभा नियुक्ति घोटाले में पूर्व स्पीकर नामधारी, आलमगीर, तीन पूर्व सचिव और आधा दर्जन अफसरों को नोटिस

नेताओं व रसूखदारों के करीबियों की हुई थी बहाली रांची : झारखंड विधानसभा में नियुक्ति घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है़ जस्टिस विक्रमादित्य जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद विधानसभा सचिवालय ने कार्रवाई प्रारंभ की है़ राज्य विधानसभा के पहले स्पीकर रहे इंदर सिंह नामधारी, पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम व तीन […]

नेताओं व रसूखदारों के करीबियों की हुई थी बहाली
रांची : झारखंड विधानसभा में नियुक्ति घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है़ जस्टिस विक्रमादित्य जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद विधानसभा सचिवालय ने कार्रवाई प्रारंभ की है़
राज्य विधानसभा के पहले स्पीकर रहे इंदर सिंह नामधारी, पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम व तीन पूर्व विधानसभा सचिव सहित कार्यरत आधा दर्जन से ज्यादा संयुक्त व उप सचिव स्तर के अफसरों से जवाब मांगा गया है़ ये सभी विधानसभा की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल थे़ विधानसभा में नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी कर चुके हाइकोर्ट के पूर्व जस्टिस विक्रमादित्य ने भी इन्हें दोषी पाया था़
इधर विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के निर्देश के बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के बाबत स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है़ सूचना के मुताबिक पूर्व स्पीकर, पूर्व सचिव सहित कार्यरत पदाधिकारियों को डाक के माध्यम से नोटिस भेज कर सप्ताह भर के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है़
विक्रमादित्य आयोग ने राज्यपाल को सौंपी थी रिपोर्ट, फिर पहुंची विधानसभा
विधानसभा में नियुक्ति घोटाले की जांच पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के आदेश के बाद हुई थी. पूर्व न्यायाधीश लोकनाथ प्रसाद आयोग के अध्यक्ष बनाये गये थे़
जस्टिस लोकनाथ प्रसाद ने विधानसभा सचिवालय द्वारा जांच में सहयोग नहीं किये जाने के बाद असमर्थता जताते हुए आयोग का काम छोड़ दिया था़ इसके बाद पूर्व न्यायाधीश जस्टिस विक्रमादित्य को जांच आयोग का अध्यक्ष बनाया गया़ जस्टिस विक्रमादित्य आयोग को तीन बार अवधि विस्तार दिया गया़ पिछले वर्ष आयाेग ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को जांच रिपोर्ट सौंपी थी़
इसके बाद राज्यपाल सचिवालय ने विधानसभा को रिपोर्ट भेज दी़ राज्यपाल ने विधानसभा को आगे कार्रवाई करने का निर्देश दिया़ राज्यपाल के निर्देश के बाद नियुक्ति घोटाले में कार्रवाई प्रारंभ हुई है़
कैसे सामने आया था नियुक्ति घोटाला
नियुक्ति में पैसे के लेन-देन की सीडी भी सामने आयी थी. यह सीडी सरयू राय ने उपलब्ध करायी थी़
स्पीकर आलमगीर आलम के कार्यकाल में कमेटी बना कर सीडी की जांच हुई
कमेटी ने आगे जांच कराने कहा, तो मामला दबा दिया गया
साक्षात्कार में बरती गयी अनियमितता
टंकक शाखा के लोगों ने लिया इंटरव्यू, बोर्ड के सदस्यों ने किया हस्ताक्षर
नियम शिथिल कर उम्र सीमा में दी गयी छूट
नामधारी के कार्यकाल में पलामू के 70 प्रतिशत लोगों की बहाली
नामधारी ने 274 और आलमगीर ने 324 लोगों को किया नियुक्त
संयुक्त सचिव, उप सचिव के पद पर कार्यरत आधा दर्जन से अधिक अफसरों से मांगा है जवाब
आयोग ने भी माना था : तत्कालीन स्पीकर सहित विधानसभा के अधिकारियों को दोषी
राज्य के पहले स्पीकर इंदरसिंह नामधारी और आलमगीर आलम हैं जांच की जद में
डाक से भेजा गया है लोगों को नोटिस, संलिप्तता पर देना है स्पष्टीकरण
इनको देना होगा जवाब
पूर्व सचिव : अमरनाथ झा, कौशल किशोर और सीताराम साहनी
कार्यरत पदाधिकारी : रवींद्र सिंह (संयुक्त सचिव), सोनेत सोरेन (संयुक्त सचिव ), राम सागर (संयुक्त सचिव), संजीत कुमार (उप सचिव), सैयद जावेद हैदर (अपर सचिव) और ब्रहदेव महतो (ओएसडी).
नियम विरुद्ध नियुक्ति
स्वीकृत पद से ज्यादा पद पर बहाली का प्रस्ताव तैयार किया़
बहाल करने के लिए गलत तरीके से आवेदन की छंटनी हुई़ बहाली प्रक्रिया में पीक एंड चूज किया गया़
विज्ञापन में सेवा शर्त व योग्यता के आधार को नजरअंदाज किया़
साक्षात्कार में नेताओं के करीबियों को मौका दिया़

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