सुनील कुमार झा
रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) ने रांची कॉलेज की उस जमीन पर अपना दावा ठोका है, जो रांची विश्वविद्यालय के कब्जे में है. डीएसपीएमयू ने अपनी मांग राजभवन और सरकार के समक्ष रखा है. फिलवक्त यहां की लगभग 110 एकड़ जमीन रांची कॉलेज के नाम पर है.
इसमें डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के मुख्य भवन के साथ-साथ रांची विवि का मोरहाबादी कैंपस भी शामिल है. इसमें रांची विश्वविद्यालय का बेसिक साइंस भवन, एकेडमिक स्टाफ कॉलेज, छात्रावास, केंद्रीय पुस्तकालय, दीक्षांत मंडप, आर्ट्स ब्लॉक (पीजी), लीगल स्टटीज सेंटर आदि बने हैं.
इसके अलावा रांची विवि के फोर्थ ग्रेड कर्मियों का आवास भी रांची कॉलेज की जमीन पर बना है.डीएसपीएमयू ने मोरहाबादी स्थित रांची कॉलेज की पूरी जमीन वापस करने की मांग की है. इसके अलावा डीएसपीएमयू ने जमीन के मामले पर अंतिम निर्णय होने तक रांची विवि द्वारा किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं करने की मांग की है.
डीएसपीएमयू का कहना है कि भविष्य में वह इंजीनियरिंग कॉलेज समेत अन्य संस्थान खोलने की तैयारी कर रहा है. इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भी सरकार को दिया गया है. ऐसे में अगर उसकी जमीन वापस नहीं मिली, तो वह संस्थान नहीं खोल पायेगा.
रांची कॉलेज के नाम पर है रांची विवि के मोरहाबादी स्थित कैंपस की जमीन
रांची विवि के पास नहीं हैं कागजात
रांची कॉलेज की जमीन पर चल रही रांची विवि की विभिन्न इकाइयों की जमीन से संबंधित कोई कागजात रांची विश्वविद्यालय प्रशासन के पास नहीं हैं. फोर्थ ग्रेड कर्मियों के आवास के बाहर अवैध कब्जे की बात कही जा रही है. कैंपस में भी कुछ लोगों ने खटाल खोल लिया है. रांची विवि के पास कागजात नहीं होने के कारण यह तय नहीं हो पा रहा है कि कैंपस के बाहर की जमीन किसकी है.
क्यों उठा जमीन का मामला
रांची कॉलेज पहले रांची विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई थी. इसे 2017 में अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बना दिया गया. रांची कॉलेज अब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय बन गया है. ऐसे में डीएसपीएमयू ने रांची कॉलेज के नाम की पूरी जमीन पर दावा किया है. डीएसपीएमयू के पास इसके कागजात और जमीन का दाखिल-खारिज भी है.
क्या कहते हैं दोनों विश्वविद्यालय के कुलपति
रांची कॉलेज की सभी संपत्ति व भूमि डीएसपीएमयू की है. भविष्य में नये कोर्स शुरू करने की योजना है. इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव सरकार को दिया गया है. ऐसे में रांची कॉलेज की जमीन वापस मांगी गयी है.
डॉ एसएन मुंडा, कुलपति, डीएसपीएमयू
रांची कॉलेज का रांची विवि से अलग अस्तित्व नहीं था. जो भवन रांची कॉलेज की जमीन पर बने हैं, सभी रांची विवि के हैं. इस मामले में राजभवन व सरकार के स्तर से जो निर्णय लिया जायेगा, रांची विवि उसका पालन करेगा.
डॉ रमेश पांडेय, कुलपति, रांची विवि