रांची : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में सर्वश्रेष्ठ सिनेमा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 2019 में सहयोग करने का फैसला किया है. यह फेस्टिवल रांची में एक से तीन फरवरी को आयोजित की गयी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने बताया कि झारखंड उन राज्यों में शामिल है जहां फिल्म निर्माण की संभावनाएं हैं. इसलिए केंद्र सरकार की तरफ से फेस्टिवल को सहयोग करने का फैसला लिया गया है.
उन्होंने कहा कि अनुदान सहायता योजना के तहत यह मदद की जा रही है. इस योजना का उद्देश्य अच्छी फिल्मों को बढ़ावा देना है. खासकर फोकस वैसी फिल्मों पर है, जिनमें समाज के अवसरों और चुनौतियों के माध्यम से बदलाव की कहानी है. सिनेमा तकनीक में नये रुझानों से क्षेत्रीय फिल्मों के लिए अवसर प्रदान करना भी सरकार का लक्ष्य है.
झारखंड फिल्म फेस्टिवल में सूचना प्रसारण मंत्रालय की मदद से छह फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है. अमित खरे ने उम्मीद जतायी कि इस पहल के माध्यम से स्थानीय फिल्मकारों और सिनेमाप्रेमियों को बेहतर भारतीय फिल्में देखने को मिलेंगी. जिससे झारखंड में फिल्म निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. राज्य में फिल्मांकन होने से पर्यटन उद्योग को भी फायदा होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त बिहार में सत्यजीत राय और ऋत्विक घटक जैसे फिल्मकारों ने झारखंड को सेल्युलाइड पर उतारा था. राज्य में सिनेमा बनाने के क्षेत्र में अपनी खोई प्रतिष्ठा फिर से हासिल करने की पूरी संभावना मौजूद है. अमित खरे ने कहा कि गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में पहली बार झारखंड को फोकस स्टेट बनाया गया था.
इस दौरान राज्य में बनी छह फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. जिससे सिनेमा जगत को राज्य के पहाड़, घने जंगल और सुंदर जलप्रपातों ने अपनी तरफ आकर्षित किया. झारखंड फिल्म नीति 2015, सिनेमा उद्योग को गति प्रदान करने में मददगार साबित होगा. महोत्सव में छह फिल्मों कड़वी हवा (हिंदी), भोर (हिंदी), बास्तु शाप (बंगाली), पूर्णा (हिंदी), आई एम कलाम (हिंदी) और रेलवे चिल्ड्रन (कन्नड़) का प्रदर्शन किया जायेगा.