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रांची : पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा की सीबीआइ से जांच की अनुशंसा
प सिंहभूम के कुमारडंगी में मृतकों के नाम पर किया गया आवंटन रांची : राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई फर्जीवाड़ा की सीबीअाइ जांच की अनुशंसा की है. इसको लेकर सरकार की ओर से सीबीआइ को पत्र भेजा गया है. यह जानकारी सोमवार को संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ मुंडा ने विधानसभा सत्र के दौरान […]
प सिंहभूम के कुमारडंगी में मृतकों के नाम पर किया गया आवंटन
रांची : राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई फर्जीवाड़ा की सीबीअाइ जांच की अनुशंसा की है. इसको लेकर सरकार की ओर से सीबीआइ को पत्र भेजा गया है.
यह जानकारी सोमवार को संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ मुंडा ने विधानसभा सत्र के दौरान दी. विधायक गीता कोड़ा ने पश्चिम सिंहभूम जिले के कुमारडंगी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में मृतकों के नाम पर आवास आवंटन का सवाल उठाया. कहा गया कि प्रखंड में मृतक कृष्ण कुमार, रवि गोप, बुधनी देवी, लक्ष्मी सिंकु के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है. इस पर मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि इसमें मुखिया समेत आठ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
इस मामले को लेकर सदन में सत्ता पक्ष व विपक्ष एक हो गये और गड़बड़ियों को उजागर करने लगे. विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सभी जिलों में इस प्रकार के मामले प्रकाश में आये हैं. इसकी उच्चस्तरीय कमेटी बना कर जांच करायी जाये.
विधायक सत्येंद्र तिवारी ने कहा कि गढ़वा में सविता देवी के नाम पर भी पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा किया गया है. उसे पता भी नहीं है और उसके नाम पर राशि ले ली गयी है. जब सविता देवी के पास रिकवरी नोटिस आया तो उसे पता चला कि उसके नाम पर राशि ली गयी है.
विधायक कुणाल ने कहा कि कई लोगों का नाम पीएम आवास योजना में शामिल नहीं है. इनका नाम जोड़ा जाना चाहिए. विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि ग्राम सभा के स्तर पर त्रुटियों का निराकरण किया जाना चाहिए.
मछली छोटी हो या बड़ी, किसी को नहीं बख्शा जायेगा
विधायक गीता कोड़ा ने कहा कि विभाग की ओर से सिर्फ छोटे लोगों पर कार्रवाई की जाती है, जबकि बीडीओ पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. इसके जवाब में मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने बताया कि पलामू में पड़ोसी राज्य के लोगों ने फर्जीवाड़ा कर पीएम आवास के नाम पर राशि का आवंटन ले लिया है.
यह दूसरे राज्य से जुड़ा मामला है. इसको लेकर विभाग की ओर से सीबीआइ जांच की अनुशंसा की गयी है. उन्होंने कहा कि मछली छोटी हो या बड़ी, किसी को नहीं बख्शा जायेगा. जांच के बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
झारखंड में पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं, हंगामा
रांची : बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को पहली पाली में राज्य में पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का मामला सदन में गरमाया़ इस मुद्दे पर सरकार ने स्पष्ट किया कि पिछड़ों के आरक्षण की सीमा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है़ फिलहाल पिछड़ों को राज्य में 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है़
मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का मामला रखा़ इस मुद्दे पर सदन के अंदर हो-हल्ला हुआ़ झाविमो विधायक प्रदीप यादव वेल में घुसे और शोर मचाया़ वहीं सत्ता पक्ष के विधायक भी अपने-अपने जगह से उठ कर यादव पर राजनीति करने का आरोप लगाया़ इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है़ 68 वर्षों में जो नहीं हुआ, वह हमारी सरकार कर रही है़ गरीब की कोई जाति नहीं होती है़
आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है़ सरकार सभी वर्गों का ख्याल करती है़ हम सबको साथ लेकर चल रहे है़ं
स्पीकर दिनेश उरांव का कहना था कि मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की गरिमा रखे़ं झाविमो विधायक का सत्ता पक्ष से कहना था कि हमारी बात नहीं सुनना चाहते हैं, तो बाहर कर दीजिए़ मुख्यमंत्री ने कहा : आप भी तो राज्य में मंत्री थे़ बाबूलाल मरांडी की सरकार में मंत्री बने थे, तो फिर उस समय क्यों नहीं कर दिया था़
वहीं, दूसरी ओर प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य में पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है़ जिला वार आरक्षण में राज्य के छह जिलों में शून्य आरक्षण मिल रहा है़ कई जिलों में आठ-सात प्रतिशत ही आरक्षण है़ रांची में आठ प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है़ कई जिलों में पिछड़ों की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है़ ऐसे में पिछड़ों के दिल पर क्या गुजरेगी.
इसी बीच सत्ता पक्ष ने प्रदीप यादव पर राजनीति करने और जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. यह सुन प्रदीप यादव जोर-जोर से अपनी बातें रखने लगे़ स्पीकर दिनेश उरांव का कहना था कि मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की गरिमा रखे़ं झाविमो विधायक श्री यादव का सत्ता पक्ष से कहना था कि हमारी बात नहीं सुनना चाहते हैं, तो बाहर कर दीजिए़ मुख्यमंत्री ने कहा : आप भी तो राज्य में मंत्री थे़ बाबूलाल मरांडी की सरकार में मंत्री बने थे, तो फिर उस समय क्यों नहीं कर दिया था़ इस पर प्रदीप ने सीएम से कहा :आधा अधूरा मत बोलिए़ पूरी बात बोलिए़ बाबूलाल मरांडी ने 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था़
कोर्ट ने टर्न-डाउन कर दिया़ इस मामले में सरकार की ओर से कहा गया कि पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत करने का कोई प्रस्ताव नहीं है़ प्रदीप यादव का कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा आरक्षण 10 प्रतिशत लागू करने के बाद आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ायी जा सकती है़ सरकार चाहे, तो यह कर सकती है़
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