रांची: बिरसा कृषि विवि द्वारा विकसित धान की छह वेराइटी विवाद में फंस गयी है. विवि के कृषि वैज्ञानिक डॉ डीएन सिंह व अन्य वैज्ञानिकों के सहयोग से तैयार इस वेराइटी का विवाद मुख्यमंत्री सचिवालय व कृषि विभाग पहुंच गया है. कृषि सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने विवि से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
सचिव द्वारा विवि के कुलपति को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि इन वेराइटी की शिकायत के संबंध में विवि से पहले भी रिपोर्ट मांगी गयी थी, लेकिन विवि ने नहीं दी. इस विषय पर मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा भी जवाब मांगा गया है. जानकारी के अनुसार विवि द्वारा विकसित धान की छह नयी वेराइटी बीवीएस- 1, बीवीडी-111, बीवीडी-203, पीएसी-108, अराइज तेज, आइआर 64- डार्ट-1 सहित बिरसा गेंहू-3, बिरसा चना-3, बिरसा सफेद सोयाबीन-2 व बिरसा मूंगफली-4 के संबंध में शिकायत की गयी है. यह शिकायत झारखंड किसान वेलफेयर सोसाइटी, बुंडु द्वारा की गयी है. अध्यक्ष महावीर मुंडा ने पत्र भेजकर कहा है कि नियमानुसार धान के प्रभेदों के रिलीज प्रपोजल के डाटा के समर्थन में चावल निदेशालय, हैदराबाद या बीएयू द्वारा प्रकाशित प्रतिवेदन के संबंधित पृष्ठ की छायाप्रति तक संलगA नहीं है. इससे प्रपोजल के तथ्यों पर प्रश्न चिह्न् लग गया है.
इससे स्पष्ट है कि प्रभेदों को गलत तरीके व तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर झारखंड सरकार से इसे रिलीज कराया गया है. इसे अधिसूचित करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रलय को भी भेजा गया है. सोसाइटी ने सरकार को पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही पत्र की प्रतिलिपि आइसीएआर नयी दिल्ली को भी भेजा है.