केंद्रीय नेता कह कर लौटे: सरकार में काम नहीं हो रहा, तो कहें समर्थन वापस लेते हैं
पार्टी ने अपने मंत्रियों को भी दिया है टास्क, 15 दिन में प्राथमिकता तय करनी है
रांची : सरकार में कांग्रेस का मन-मिजाज नहीं लग रहा है. लोकसभा चुनाव में चोट खायी कांग्रेस अब विधानसभा चुनाव के लिए मुद्दे तलाश रही है. कांग्रेस उलझन में है. सरकार की हमसफर कांग्रेस दोराहे पर खड़ी है. जमीन पर संगठन को मजबूत करने की जुगत में हैं. कांग्रेस को सरकार से दूरी बढ़ाने के लिए मुद्दे की तलाश है.
कांग्रेस के चिंतन शिविर में केंद्रीय नेताओं ने भी दो टूक कहा था: सरकार से फायदा नहीं है, तो हम समर्थन वापसी के लिए तैयार हैं. सरकार से समर्थन वापस लेने में वक्त नहीं लगेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और प्रभारी बीके हरि प्रसाद दोनों का कहना था कि सरकार काम के लिए बनी है. सरकार में काम नहीं हो रहा है, तो समर्थन वापसी में वक्त नहीं लगेगा. केंद्रीय नेताओं के तेवर से साफ है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के सरकार से रिश्ते बहुत अच्छे नहीं रहने वाले हैं.
चिंतन शिविर में पार्टी ने अपने मंत्रियों को भी टास्क दिया है. बैठक में मंत्रियों के कामकाज पर भी सवाल उठे थे. बैठक में वक्ताओं का कहना था कि मंत्रियों का प्रदर्शन सही नहीं है. श्री रमेश और प्रभारी श्री प्रसाद ने पार्टी के मंत्रियों के साथ अलग से बैठक की. सरकार में अपने मंत्रियों के काम की जानकारी ली. पार्टी के मंत्रियों को 15 दिन में प्राथमिकता तय करने को कहा गया है. पार्टी अपने मंत्रियों के काम से भी संतुष्ट नहीं है.