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रांची : जैन धर्मावलंबी दीक्षार्थियों के सम्मान समारोह में सीएम, कहा – पारसनाथ को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाना लक्ष्य
रांची : जैन धर्मावलंबी दीक्षार्थियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है. अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धांत है. भगवान महावीर द्वारा दी गयी शिक्षा मानव कल्याण के लिए सबसे बड़ा धर्म है. कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम […]
रांची : जैन धर्मावलंबी दीक्षार्थियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है. अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धांत है. भगवान महावीर द्वारा दी गयी शिक्षा मानव कल्याण के लिए सबसे बड़ा धर्म है.
कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही जैन अनुयायियों का झारखंड से गहरा जुड़ाव रहा है. पारसनाथ जैन समुदाय का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. पारसनाथ को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाना सरकार की प्राथमिकता में है. पारसनाथ झारखंड का गौरवशाली धरोहर है. अध्यात्म की भूमि है.
विश्व के मानचित्र में पारसनाथ को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करना सरकार का लक्ष्य है. श्री दास ने कहा : पारसनाथ के ऋजुवतिका में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है. मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.
क्षेत्र में उच्चस्तरीय हॉस्पिटल का भी निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है. लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. आवागमन की सुविधा सुलभ कराने के लिए कार्य किये जा रहे हैं.
वर्ष 2019 में देवघर एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जायेगा. देवघर में एयरपोर्ट बनने से देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेशों से पारसनाथ आने वाले लोगों को भी सुविधा होगी. ऋजुवतिका तीर्थ समिति की ओर से गिरिडीह के परेश सेठ (नंदप्रभा परिवार) ने मुख्यमंत्री को आमंत्रित करते हुए कहा कि झारखंड की भूमि जैनों के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर की ज्ञान भूमि है.
करीब 50 एकड़ भूमि के परिसर में महावीर स्वामी का भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. इस पवित्र भूमि की स्पर्शना के लिए 27 जनवरी को आचार्य नयवर्धन सुरीश्वर जी महाराज के सान्निध्य में छरी पालित संघ द्वारा पैदल यात्रा आहूत की गयी है.
उसमें मुख्यमंत्री की उपस्थिति श्रद्धालुओं को आनंदित करेगी. मौके पर श्री दास और उनकी पत्नी रुकमणि देवी ने सभी जैन धर्मावलंबी दीक्षार्थियों को नारियल व शॉल देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर एक साथ दीक्षा प्राप्त करने वाले 45 महिला एवं पुरुष जैन धर्मावलंबी सहित अन्य उपस्थित थे.
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