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एग्रो-फूड समिट : 2030 तक 50 फीसदी अधिक अनाज तथा 30 फीसदी अधिक पानी की जरूरत होगी

एग्रो-फूड समिट में विश्व बैंक के कृषि अर्थशास्त्री ने कहा-एग्रो-बिजनेस बढ़ाने के लिए विभागों को समन्वय बढ़ाना होगा रांची : कृषि एक जटिल क्षेत्र है. अभी इसके समक्ष मिट्टी के क्षरण व कटाव जैसी भौगोलिक, कम होती खेती योग्य जमीन, ग्लोबल वार्मिंग व एग्रो-बिजनेस की कमी सहित सबको खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने जैसी चुनौतियां हैं. […]

एग्रो-फूड समिट में विश्व बैंक के कृषि अर्थशास्त्री ने कहा-एग्रो-बिजनेस बढ़ाने के लिए विभागों को समन्वय बढ़ाना होगा
रांची : कृषि एक जटिल क्षेत्र है. अभी इसके समक्ष मिट्टी के क्षरण व कटाव जैसी भौगोलिक, कम होती खेती योग्य जमीन, ग्लोबल वार्मिंग व एग्रो-बिजनेस की कमी सहित सबको खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने जैसी चुनौतियां हैं.
यह क्षेत्र जटिल (क्रिटिकल) क्यों हैं? वर्ष 2030 तक हमें आज की तुलना में 50 फीसदी अधिक अनाज तथा 30 फीसदी अधिक पानी की जरूरत होगी. तब भारत की आबादी दुनिया भर में सबसे अधिक होगी तथा खाद्य उपलब्धता एवं हर एक व्यक्ति तक अनाज की पहुंच के मामले में यह सर्वाधिक जोखिम वाला देश होगा. ये बातें विश्व बैंक के कृषि अर्थशास्त्री डॉ चाकिब जेने ने कही. वह एग्रो-फूड समिट में विश्व बैंक से संबंधित तकनीकी सत्र में बोल रहे थे.
कृषि क्षेत्र में निवेश तथा उत्पादकता बढ़ानी होगी
डॉ जेने ने कहा कि इस चुनौती से निबटने के लिए कृषि क्षेत्र में निवेश तथा उत्पादकता बढ़ानी होगी. एग्रो-बिजनेस बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों को आपसी समन्वय बढ़ाना होगा. इन कार्यों के लिए बड़े फंड की जरूरत होगी. इसमें विश्व बैंक भारत की मदद कर सकता है.
भारत में मोरक्को के राजदूत मोहम्मद मलिकी तथा ट्यूनीशिया दूतावास में उप प्रमुख (मिशन) जामेल बोजदारिया ने अपने-अपने देशों में कृषि क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में बताया. महाराष्ट्र से आये प्रगतिशील किसान तथा महाराष्ट्र फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी) के प्रबंध निदेशक योगेश सुरेश थोराट ने झारखंड के किसानों से कहा कि अपनी आय दोगुनी करने के लिए आपको ही काम करना होगा.
उन्होंने महाराष्ट्र की तर्ज पर झारखंड में भी किसानों की कमेटी बनाने तथा इसके जरिये अपने कृषि उत्पाद एक साथ इकट्ठा करने, इनकी साफ-सफाई व मूल्य संवर्द्धन (वैल्यू एडिशन) करने तथा मार्केट लिंकेज करने की सलाह दी. राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वे एफपीसी को मंडी की सुविधाएं उपलब्ध करायें. इससे किसान बगैर परिवहन खर्च के अपना माल अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं.
आय बढ़ाने के लिए कृषि बाजार पर फोकस करना होगा
राज्य के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि बाजार पर फोकस करना होगा. इस क्षेत्र में लाइसेंस की बाधा, टैक्स लॉ व इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड सहित कृषि से जुड़ी आधारभूत संरचना तथा पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान जैसे व्यापक क्षेत्र पर काम करना होगा. झारखंड में ये सारे काम होने हैं.
श्री त्रिपाठी ने कहा कि किसानों के बीच विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता तथा नयी चीज अपनाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार सामुदायिक रेडियो का सहारा लेगी. इसके लिए सूचना व प्रसारण मंत्रालय के सचिव के साथ हम संपर्क में हैं. इससे पहले कृषि, पशुपालन व सहकारिता सचिव पूजा सिंघल ने सबका अौपचारिक स्वागत तथा विश्व बैंक की प्रीति कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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