28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : कृषि विज्ञानी रूफ अहमद पैरे ने कहा, कई उपकरणों के बजाय कोई एक बहुपयोगी कृषि यंत्र हो

रांची : आज कई कृषि उपकरण बाजार में हैं, पर अब भी सभी सेक्टर के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं हैं. जैसे धान के लिए कई कृषि उपकरण मौजूद हैं, पर बागवानी (हॉर्टिकल्चर) क्षेत्र में इनकी कमी है. इस विषमता को दूर करना होगा. दूसरी अोर जरूरत यह भी है कि एक-दो एकड़ जमीन वाले छोटे […]

रांची : आज कई कृषि उपकरण बाजार में हैं, पर अब भी सभी सेक्टर के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं हैं. जैसे धान के लिए कई कृषि उपकरण मौजूद हैं, पर बागवानी (हॉर्टिकल्चर) क्षेत्र में इनकी कमी है. इस विषमता को दूर करना होगा.
दूसरी अोर जरूरत यह भी है कि एक-दो एकड़ जमीन वाले छोटे किसानों के लिए कोई बहुपयोगी कृषि उपकरण विकसित किया जाये, जिससे उनके कई काम हो सकें. गरीब किसान के लिए यह संभव नहीं कि वह कई उपकरण खरीदे. आइएआरआइ (भारतीय कृषि शोध संस्थान) दिल्ली के कृषि विज्ञानी रूफ अहमद पैरे ने यह बात कही. वह एग्रो-फूड समिट के तकनीकी सत्र में बोल रहे थे. इसका विषय कृषि उपकरण-समय की मांग था.
श्री पैरे ने कहा कि इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार आज किसान की मासिक आय 6426 रुपये तथा उसका खर्च 6623 रुपये है. अब यदि किसानों की आय दोगुनी (12852 रुपये प्रति माह) करनी हो, तो कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 12 से 14 फीसदी होनी चाहिए. पर गत वर्ष यह 2.1 फीसदी रही है.
ऐसे में आय दोगुनी करने के लिए खर्च को कम करना तथा उत्पाद का मूल्य संवर्द्धन (वैल्यू एडिशन) करने सहित उपकरणों का इस्तेमाल करना होगा तथा बहुफसली कृषि अपनानी होगी. श्री पैरे ने कहा कि झारखंड में क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन (बहुफसली खेती) की क्षमता है.
आइसीएआर, भोपाल के डॉ प्रीतम चंद्र ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी ही नहीं चौगुनी हो सकती है. इसके लिए उन्हें पांच चीजें करनी होंगी. मशीनरी का उपयोग, कम पानी में सिंचाई, ग्रीन हाउस संबंधी सुरक्षित खेती, फसल बाद की तकनीक व इनका मूल्य संवर्द्धन तथा कृषि से कृषि के लिए ऊर्जा का उत्पादन.
यह ऊर्जा, भूसा या गोबर गैस से मिल सकती है. डॉ चंद्रा ने कहा कि किसानों को मशीनें खरीदना जरूरी नहीं है. वह किराये पर लेकर भी इनका इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने किसानों को याद दिलाया कि कच्चा माल बेचने वाला देश-राज्य कभी विकसित नहीं हो सकता. बिरसा कृषि विवि के डीके रुसिया ने चार-छह इंच के बजाय 12-15 इंच गहरा खोदने वाले हल विकसित करने की जरूरत बतायी.
वहीं निदेशक समेति एम शिवा ने बताया कि झारखंड सरकार कृषि उपकरणों पर सालाना 20 करोड़ की सब्सिडी दे रही है, जो किसी अन्य राज्य के मुकाबले अधिक है. आइआइटी, खड़गपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर (एग्रो एंड फूड डिपार्टमेंट) ने विभिन्न कृषि यंत्रों की जानकारी दी.
चीन व टयूनीशिया ने रखा निवेश का प्रस्ताव
रांची़ : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बीटूजी मीटिंग के दौरान मोरक्को, इजरायल, चाइना, टयूनीशिया, भारतीय जैन संगठन, प्रदान, महिंद्रा एवं महिंद्रा, एआइसीएल आदि के प्रतिनिधियों से वार्ता की. मोरक्को के राजदूत एचपी मोहम्मद मालीकि तथा एग्री वर्ल्ड बैंक के प्रमुख के साथ टेक्नोलॉजी एवं निवेश पर चर्चा हुई. ट्यूनीशिया भी झारखंड में निवेश के लिए प्रस्ताव रखा. मुख्यमंत्री ने हर संभव सहयोग देने की बात कही़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें