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रांची : फाइलों में सिमट कर रह गया नगर निगम का विशेष फॉगिंग अभियान
रांची : अगस्त में राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप फैला था. तब एक हजार से ज्यादा लोग इन बीमारियों की चपेट में आ गये थे. उस वक्त रांची नगर निगम ने शहर के सभी मोहल्लों में विशेष सफाई अभियान और रोस्टर के हिसाब से फॉगिंग कराने का निर्णय लिया था. उसके बाद शहर […]
रांची : अगस्त में राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप फैला था. तब एक हजार से ज्यादा लोग इन बीमारियों की चपेट में आ गये थे. उस वक्त रांची नगर निगम ने शहर के सभी मोहल्लों में विशेष सफाई अभियान और रोस्टर के हिसाब से फॉगिंग कराने का निर्णय लिया था. उसके बाद शहर के विभिन्न मोहल्लों और प्रमुख सड़कों पर दिन-रात फाॅगिंग वाहन घूमने लगे. कुछ दिनों बाद यह अभियान ठंडा पड़ गया.
पिछले तीन महीने से नगर निगम का विशेष फॉगिंग अभियान फाइलों में ही सिमट कर रह गया है. इसी का नतीजा है कि शहर में एक बार फिर से मक्खी-मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. शाम होते ही लोग मच्छरदानी में कैद होने को विवश हो गये हैं. इस संबंध में रांची नगर निगम के सिटी मैनेजर मृत्युंजय कुमार कहते हैं कि ज्यादातर फॉगिंग मशीन खराब हैं, जिसकी वजह से रोस्टर के हिसाब से फॉगिंग नहीं हो पा रहा है.
हालांकि, फॉगिंग नियमित रूप से की जा रही है. वैसे भी जिस मोहल्ले में एक बार फॉगिंग हो जाती है, उसमें 15 दिन बाद ही फॉगिंग की जाती है. लगातार फॉगिंग करने से इससे सेहत पर भी खराब असर पड़ता है.
11 में छह फॉगिंग वाहन खराब : रांची नगर निगम ने 11 फॉगिंग वाहनों की खरीद की थी. हालांकि, इनमें से केवल पांच ही चल रहे हैं. बाकी के छह फाॅगिंग वाहन खराब पड़े हैं. इस संबंध में सिटी मैनेजर मृत्युंजय पांडेय कहते हैं कि इन मशीनों के पुर्जे पुणे में मिलते हैं. इसलिए खराब होने के बाद इसे बनाने में थोड़ा वक्त लगता है.
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