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रांची : इंडस्ट्रियल पार्क की रैंकिंग पर जारी रिपोर्ट फर्जी : चेंबर
रांची : भारत सरकार द्वारा झारखंड के इंडस्ट्रियल पार्क की रैंकिंग पर जारी रिपोर्ट पर झारखंड चेंबर ने सवाल उठाया है. साथ ही इसे फर्जी करार दिया है.शुक्रवार को चेंबर भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में झारखंड चेंबर के अध्यक्ष दीपक मारू और चेंबर की उद्योग उप समिति के चेयरमैन अजय भंडारी ने कहा कि […]
रांची : भारत सरकार द्वारा झारखंड के इंडस्ट्रियल पार्क की रैंकिंग पर जारी रिपोर्ट पर झारखंड चेंबर ने सवाल उठाया है. साथ ही इसे फर्जी करार दिया है.शुक्रवार को चेंबर भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में झारखंड चेंबर के अध्यक्ष दीपक मारू और चेंबर की उद्योग उप समिति के चेयरमैन अजय भंडारी ने कहा कि सरकार आंखें खोले और वास्तविकता को देखे. रैंकिंग पर जारी रिपोर्ट पर झारखंड के उद्योगपति हंस रहे हैं.
श्री मारू ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी इंडस्ट्रियल पार्क की रैंकिंग में झारखंड ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गुजरात को भी पीछे छोड़ दिया है. यह रैंकिंग का खेल उद्योग विभाग और कंसल्टेंट को बहुत शूट करता है. असल मुद्दों से सरकार का ध्यान हटा कर रैंकिंग मैनेजमेंट में कंसल्टेंट को महारत हासिल हो गयी है.
टाटीसिल्वे इंडस्ट्रियल एरिया को इंटरनल इंफ्रास्ट्रक्चर में देश में पांचवां स्थान देना, वहां के उद्यमियों के जख्मों को कुरेदने जैसा है. टूटी हुई सड़कें, बदहाल कानून व्यवस्था और बहुत ही खराब बिजली व्यवस्था से उद्योगपति परेशान हैं. स्थितियों को सुधारने के बजाय उद्योग विभाग और कंसल्टेंट सरकार को अपनी गलत रिपोर्ट दे रहे हैं.
आधारभूत सुविधाओं की हालत खराब:
श्री मारू ने कहा कि पूरे झारखंड में स्थापित 60 औद्योगिक क्षेत्रों में से 30 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी ली गयी है. अधिकांश में आधारभूत सुविधाएं काफी खराब हैं. फिर भी झारखंड के औद्योगिक क्षेत्रों को देश में शीर्ष रैंकिंग प्रदान करना चिंतनीय है. सरकार को राज्य के स्टेकहोल्डर्स के साथ वास्तविकता की जानकारी अवश्य लेनी चाहिए. चेंबर इस मुद्दे पर केंद्रीय उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु को पूरी स्थिति की जानकारी देगा.
झारखंड से दूर भाग रहे निवेशक
अजय भंडारी ने कहा कि 2016 में एनसीएइआर ने राज्यों पर इन्वेस्टर कॉन्फिडेंस की रैंकिंग जारी की थी. उस समय झारखंड 14वें नंबर पर था.
2017 में झारखंड चार स्थान लुढ़क कर 18वें नंबर पर आ गया. वर्ष 2018 में झारखंड से नीचे सिर्फ एक राज्य बिहार रह गया है. इसका सीधा-सीधा मतलब है कि निवेशक झारखंड से दूर भाग रहे हैं. इस पूरी प्रक्रिया से चेंबर, जेसिया या स्थानीय उद्योग संगठनों को दूर रखा जाता है.
जेसिया के अध्यक्ष शशिकांत अग्रवाल ने कहा कि टाटीसिल्वे औद्योगिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. किसी भी शिकायत का कोई असर नहीं होता है. मौके पर चेंबर के महासचिव कुणाल अजमानी, कार्यकारिणी सदस्य धीरज तनेजा, सदस्य बिनोद तुलस्यान, एसबी सिंह आदि उपस्थित थे.
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