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रांची : नहीं मिल रहा ठेकेदारों को पैसा, प्रभावित हो रही योजनाएं
मनोज लाल बजट के 4000 करोड़ में से बचे हैं 1700 करोड़ रुपये, तत्काल 1000 करोड़ की है आवश्यकता ठेकेदारों का 1000 करोड़ रुपया हो गया है बकाया रांची : पथ निर्माण विभाग के ठेकेदारों का पैसा फंस गया है. करीब 1000 करोड़ रुपये की उनकी देनदारी है, जिसका विपत्र भी तैयार है, लेकिन राशि […]
मनोज लाल
बजट के 4000 करोड़ में से बचे हैं 1700 करोड़ रुपये, तत्काल 1000 करोड़ की है आवश्यकता
ठेकेदारों का 1000 करोड़ रुपया हो गया है बकाया
रांची : पथ निर्माण विभाग के ठेकेदारों का पैसा फंस गया है. करीब 1000 करोड़ रुपये की उनकी देनदारी है, जिसका विपत्र भी तैयार है, लेकिन राशि के अभाव में उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है. कारण है कि ट्रेजरी से राशि रिलीज ही नहीं हो रही है. यह स्थिति तब है, जबकि पथ निर्माण विभाग के इस साल के बजट में से 1700 करोड़ रुपये बचे हुए हैं.
करीब डेढ़ माह हो गये हैं, ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे अब सड़क व पुल की योजनाएं प्रभावित होने लगी हैं. करीब 9000 करोड़ की चालू योजनाएं राशि के अभाव में प्रभावित हैं. इन पर काम का रफ्तार धीमा हो गया है. भुगतान नहीं होने की वजह से मजदूर भी काम बंद करने की स्थिति में आ गये हैं. ऐसे में सारा काम पूरी तरह ठप हो जायेगा.
4000 करोड़ है विभाग का बजट : जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए पथ निर्माण विभाग का बजट 4000 करोड़ रुपये का है. इसमें से अभी तक करीब 2300 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. 9000 करोड़ से ज्यादा की राशि पर काम चल रहा है. अभी पाइप लाइन में 5000 करोड़ से ज्यादा का काम है. ऐसे में विभाग को तत्काल 1000 करोड़ से अधिक की जरूरत है, ताकि काम को जारी रखा जा सके.
ट्रेजरी रिलीज नहीं कर रहा सड़क-पुल का पैसा
प्लांट-मेटेरियल का भी है बकाया
ठेकेदारों ने काम तो करा लिया, लेकिन अभी राशि की कमी होने से प्लांट से कराये गये काम का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. अलग-अलग जगहों से चिप्स, बालू, सीमेंट, लोहा सहित अन्य मेटेरियल लिये गये थे. इसका भी भुगतान करना मुश्किल हो गया है. काम में लगे ट्रैक्टर सहित अन्य गाड़ियां का भी बकाया हो गया है.
मोबिलाइजेशन राशि देना भी है बंद
प्रावधान के मुताबिक 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाअों में ठेकेदारों को मोबिलाइजेशन राशि देनी है, लेकिन विभाग ने अभी मोबिलाइजेशन राशि देना भी बंद कर दिया है. ठेकेदार अपनी राशि लगा कर काम कर रहे हैं.
पैसे की है कमी, केंद्र की राशि का है इंतजार
इंजीनियरों का कहना है कि सरकार के पास पैसे की कमी है. इस कारण यह स्थिति हो रही है. अलग-अलग योजनाअों में पैसा देने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में सरकार भी केंद्र सरकार से राशि मिलने का इंतजार कर रही है.
जीएसटी एकाउंट नहीं बनने को बताया कारण
इंजीनियरों ने यह भी बताया कि जीएसटी का एकाउंट नहीं बना है. इसका एकाउंट बना कर एजी को देना है, ताकि जीएसटी की राशि इस खाता में जमा हो सके. अभी तक राज्य सरकार के पास यह मामला लटका हुआ है. जीएसटी एकाउंट बनाने की प्रक्रिया चल रही है.
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